हाथरस:घटना स्थल पर पहुंचे मुख्यमंत्री दिया जांच का आदेश।
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दो-दो लाख का ऐलान।
Sk News Agency-UP
जनपद-हाथरस
न्यूज़ एजेंसी नेटवर्क——————मंगलवार को हाथरस जनपद के सिकंदराऊ क्षेत्र के गांव फुलरई में साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के मंगल मिलन सद्भावना सम्मेलन में हुए हादसे के घायलों से मिलने अस्पताल एवं घटनास्थल का निरीक्षण करने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं पहुंचे।मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और जरूरी दिशा निर्देश दिए।उन्होंने घायलों से बातचीत कर उनका हाल-चाल लिया।मुख्यमंत्री ने पत्रकारवार्ता में बताया कि क्षेत्र में हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए हमने अपर पुलिस महानिदेशक आगरा जोन आगरा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया है। जो इस पूरी घटना की नजदीकी से जांच कर रही है। कुछ जांच हो चुकी है और कुछ जांच रिपोर्ट आना बाकी है। उसके बाद जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जाएगी।उन्होंने कहा कि इस हादसे में 121 लोगों की जानें गई है।
जिसमें उत्तर प्रदेश के हाथरस, एटा,अलीगढ़, ललितपुर ,बदायूं, कासगंज, फिरोजाबाद, आगरा ,गौतम बुध नगर, लखीमपुर खीरी, मथुरा, संभल, के श्रद्धालु शामिल है।इसके अलावा 6 मृत जिसमें मध्य प्रदेश , हरियाणा का एक-एक और राजस्थान के चार लोग शामिल हैं। और जो घायल लोग अस्पताल में भर्ती हैं जिनका समुचित इलाज कराया जा रहा है।उन्होंने कहा कि हमने घटना के बाद मंत्री संदीप सिंह, लक्ष्मीनारायण चौधरी, असीम अरुण को डीजीपी के साथ तत्काल घटना स्थल पर तत्काल रवाना कर दिया था।उन्होंने यह भी कहा कि सेवादारों ने घटना को दबाने की भरपूर कोशिश की मगर प्रशासन की दखलंदाजी के बाद आयोजन मौके से भाग गए।उन्होंने यहभी कहा कि उच्चन्यायालय के सेवानिवृत्ति जज के द्वारा इस घटना की ज्यूडिशियल जांच भी कराई जाएगी।घटना की हादसा और साजिश दोनों नजरिए से जांच कराई जाएगी।
आयोजकों को राहत कार्य के बाद पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। घटना की गंभीरता से पड़ताल कराई जाएगी।उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी घटना दोबारा ना हो इसके लिए एक सुझाव और एसओपी का भी गठन किया जाएगा।ताकि आगामी होने वाले कार्यक्रमों मैं इसको लागू किया जा सके।आपको बताते चलें कि धार्मिक उपदेशक नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है।पुलिस जनपद मैनपुरी के बिछबां क्षेत्र स्थित आश्रम पर पर भी दबिश दे चुकी है, मगर बाबा वहां नहीं मिला है।पुलिस ने मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर को एफआईआर में मुख्य आरोपी बनाया है।और वह भी फरार हो गया है।आपको बताते चलें कि आयोजन करने के लिए एक 17 सदस्यीय आयोजन की कमेटी का गठन किया गया था।जिसमें देवप्रकाश मधुकर मुख्य आयोजक था।ज्ञात रहे कि ऐसी भगदड़ 1954 में प्रयागराज के कुंभ में हुई थी। उसके बाद यह दूसरा हादसा हुआ है, जिसमें सेकेंडों जान गई है।घायलों का इलाज हाथरस ,अलीगढ़, मथुरा में चल रहा है।मिली जानकारी के अनुसार आयोजकों द्वारा जो परमिशन ली गई थी ,उसमें यह बताया गया था की अधिकतम भीड़ 80 हजार श्रद्धालुओं की होगी। जबकि उसमें 2 लाख के करीब भीड़ पहुंची थी।और उसी के अनुसार 40 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई थी।कार्यक्रम सकुशल संपन्न हो गया था। और जब बाबा का काफिला वहां से निकला तो श्रद्धालुओं में उन्हें छूने की भीड़ लग गई।और लोग एक दूसरे के ऊपर से निकलते चले गए जो गिर गए उनके ऊपर किसी ने ध्यान नहीं दिया।और इसी वजह से इतना बड़ा यह हादसा हो गया।उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार ने मरने वालों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपए और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए देने का ऐलान किया है। निरीक्षण के समय प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश सरकार के मंत्री संदीप सिंह, असीम अरुण सहित दर्जनों नेता और अधिकारी मौजूद रहे।
खबर -मीडिया रिपोर्ट्स एवं न्यूज़ एजेंसी नेटवर्क के हवाले से
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