10 हजार की रिश्वत लेते होमगार्ड को एंटी करप्शन ने किया गिरफ्तार।
ड्यूटी के बहाली के नाम पर मांगी गई थी 30 हजार की रिश्वत।

Sk News Agency-UP
जनपद –बरेली 14/फरवरी/2024
न्यूज एजेंसी संवाद सूत्र —————-प्रदेश सरकार लगातार प्रचार कर रही है कि हमारी सरकार भ्रष्टाचार के नाम पर जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है।हमारे राज्य में दलाल और दलाली लेने वालों की खैर नहीं है।मगर सरकार प्रचार कुछ और करती है और हो कुछ और रहा है।जनपद में एक होमगार्ड स्वयंसेवक है सतीश चंद्र वर्मा जिनकी ड्यूटी कई माह से किसी कारणवश बंद चल रही थी।अपनी ड्यूटी को बाहर करने के लिए जब सतीश चंद्र वर्मा ने जनपद के जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह से बात की तो पता चला कि ड्यूटी बहाल करने के लिए ₹30000 देने पड़ेंगे।इतनी बात होने के बाद सतीश चंद्र वर्मा ने जनपद की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से इसकी शिकायत की।इसके बाद मामला एंटी करप्शन की टीम को सौंपा गया। इसके बाद एंटी करप्शन ने अपना जाल फैला कर जिला कमांडेंट कार्यालय में तैनात होमगार्ड स्वयंसेवक गौरव सिंह को रंगे हाथों 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।गौरव सिंह से पूछताछ में पता चला है कि यह ₹10000 उसने जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह के कहने पर 10 हजार रुपए की रिश्वत लिए थे।एंटी करप्शन की ओर से जनपद के वारादरी थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत कराया गया है।और इस अभियोग में जनपद के जिला कमांडेंट शैलेंद्र प्रताप सिंह का नाम भी इसमें खोला गया है।और रिश्वत लेते पकड़े गए होमगार्ड स्वयंसेवक गौरव सिंह को जेल भेजा जा चुका है।आपको बताते चलें कि होमगार्ड विभाग में भ्रष्टाचार कुछ अधिक ही बढ़ गया है। आए दिन कभी ड्यूटी स्थल के नाम पर, तो कभी प्रशिक्षण के नाम पर, तो कभी अनुशासन के नाम पर, किसी न किसी कारण से रिश्वत का खेल चलता ही रहता है।
जबकि विभाग के मंत्री एवं होमगार्ड विभाग के महानिदेशक की ईमानदारी के मामले में अलग ही छवि है।और यह दोनों ही नेता और अधिकारी मिलकर विभाग की दशा और दिशा सुधारने को दिन रात एक किए हुए हैं।मगर अधीनस्थ हैं कि मानते ही नहीं।
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