हरियाणा में भाजपा को झटका:पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह बीजेपी छोड़ कांग्रेस में हुए शामिल।
उनके सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह पहले ही हो चुके हैं कांग्रेस में शामिल।
Sk News Agency- Haryana
ब्यूरो डेस्क——————-लोकसभा चुनाव से पूर्व हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा झटका लगा है।भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी वीरेंद्र सिंह अपनी पत्नी एवं पूर्व विधायक प्रेमलता के साथ भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर कांग्रेसमें शामिल हो गए।
चौधरी वीरेंद्र सिंह ने नई दिल्ली स्थित कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय पर कांग्रेसके वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा और रणदीप सुरजेवाला और वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।जबकि उनके बेटे और रोहतक से मौजूदा सांसद बृजेंद्र सिंह ने पहले ही कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।आपको बता दें कि चौधरी वीरेंद्र सिंह ने 8 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।उन्होंने कांग्रेस में शामिल होते हुए कहा कि हमारी कांग्रेस पार्टी में वापसी नहीं बल्कि यह एक विचारधारा की वापसी है..उन्होंने आगे कहा किअगर लोकतंत्र को बचाना है तो हर आदमी को उठाना पड़ेगा. हम यहां हैं क्योंकि हरियाणा के लोगों के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं और उन्होंने भी हमारा समर्थन किया है.उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से भाजपा ने किसी को अपना नहीं बनाया है।उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी छोड़ने से पहले सोनिया गांधी से मिलकर क्षमा याचना करके गया था।और उसके बाद केंद्रीय मंत्री बना में 10 साल से भाजपा में था .लेकिन उनके खिलाफ घटिया बयान नहीं दूंगा। ऐसी राजनीति बंद की जानी चाहिए।हमारे मेनिफेसटो पर राहुल गांधी की मुहर लगी है।वीरेंद्र सिंह के पार्टी में शामिल होने पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज हमारे बड़े भाई के समान चौधरी वीरेंद्र सिंह ने अपने घर वापसी की है. इस वजह से मैं आज बहुत खुश हूं।आपको बताते चलें कि चौधरी वीरेंद्र सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पहली सरकार में इस्पात मंत्री बनाये गई थे।उन्होंने ग्रामीण विकास, पेयजल एवं सच्छता, पंचायती राज मंत्री के दायित्व का भी निर्वाह किया था।चौधरी वीरेंद्र सिंह काफी समय से भारतीय जनता पार्टी में अपने को असहज महसूस कर रही थे।उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों से भी भारतीय जनता पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना भी साधा था। 2020 में उन्होंने किसान कानून कोु वापस करने के लिए किसानों का पक्ष लिया था। बीते हुए समय में पिता पुत्र की जोड़ी ने अक्सर कई मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी पर कड़ी आलोचना की थी।
खबर- मीडिया रिपोर्ट एवं न्यूज़ एजेंसी की जनपद नूंह की ब्यूरो चीफ शहंशाह से बातचीतके आधार पर
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