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योगी की पूरी फौज भी ना जिता सकी रघुराज सिंह शाक्य को। डिंपल के मुकाबले आधे वोट ही पा सके रघुराज सिंह शाक्य।

शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा को हटाना भाजपा को पड़ा महंगा।

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लखनऊ

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उत्तर प्रदेश की एक लोकसभा और 2 विधानसभा सीटों पर सोमवार 5 दिसंबर को हुए उपचुनाव के आज नतीजे आये। जिसमें मैनपुरी लोकसभा सीट जो कि सपा संरक्षण मुलायम सिंह यादव के निधन के चलते रिक्त हुई थी। इस सीट को भारतीय जनता पार्टी ने जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। और अपने नेताओं और मंत्रियों की फौज उतार दी थी।मगर चुनाव नतीजे आए तो डिंपल यादव ने 64 प्रतिशत मत प्राप्त की और रघुराज सिंह शाक्य ने कुल 36% मत प्राप्त किए। जिसमें समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव को 618120 मत मिले और भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को 329659 मत ही प्राप्त हो सके। और डिंपल यादव ने भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य को 288461 वोट से हराकर ऐतिहासिक जीत हासिल की।इसी तरह मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट पर भाजपा के विक्रम सैनी विधायक थे। जिनको कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने पर उनकी सदस्यता रद्द की गई थी। उस सीट पर उपचुनाव हुए तो समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दलगठबंधन के प्रत्याशी पूर्व विधायक मदन भैया को 97139 वोट मिले तो भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार सैनी को 74996 वोट प्राप्त हुए । इस सीट पर मदन भैया ने राजकुमारी सैनी को 22143 वोट से हराया। इसी तरह रामपुर सदर सीट पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद आजम खान विधायक थे और कोर्ट द्वारा दूसर ठहराए जाने पर उनकी सदस्यता रद्द की गई थी। और उस सीट पर हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के आकाश सक्सेना ने 80964 वोट प्राप्त किए और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आसिम राजा ने 47262 मत प्राप्त किए। बा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आसिम राजा को 34136 मतों से परास्त किया।यह चुनाव आने वाली 2024 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय करेंगे। जब विशेष विश्लेषण किया गया तो मालूम हुआ कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा 6 वर्ष के शासनकाल में मैनपुरी में विकास न कराया जाना ,और शिवपाल सिंह यादव की सुरक्षा को हटाने के साथ-सथ  मुख्यमंत्री द्वारा पेंडुलम बताया जाना मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र की जनता को बहुत बुरा लगा। यही भाजपा की हार का  कारण रहा।इसी तरह खतौली विधानसभा सीट पर विकास कार्य न कराए जाने के साथ-साथ वहां के स्थानीय नेताओं का बड़बोला पन की वजह से मुस्लिम जाट और गुर्जर समाज के अलावा छोटी छोटी जातियों का एक होना हार का कारण बना।इसी तरह भारतीय जनता पार्टी के रामपुर में जीतने का कारण वहां मुस्लिम समाज के वोटरों को प्रशासन द्वारा धमकाना और प्रताड़ित करना रहा इस वजह से वहां जीत हासिल हो सकी। जब वहां जो विकास दिखाई दे रहा है वह मोहम्मद आजम खां की ही देन है। भारतीय जनता पार्टी ने 6 वर्ष के शासनकाल में कुछ नहीं किया। ऐसा वहां के निवासियों का कहना है।

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