गुजरात 2002 दंगों के दौरान अहमदाबाद के गांव रंधिकपुर में रहने वाली एक गर्भवती बिल्किस बानो से सामुहिक बलात्कार किया गया,उसकी साढ़े तीन साल की बेटी सहित परिवार के सभी सदस्यों की निर्मम हत्या की गई। 21 जनवरी,2008 को मुंबई की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 11 आरोपियों को हत्या और सामुदायिक दुष्कर्म मामले में उम्र कैद की सज़ा सुनाई जिनके नाम हैं :
जसवंतभाई नाइक, गोविंदभाई नाइक,शैलेश भट्ट,विपिन चंद्र जोशी,केसरभाई वोहानिया,प्रदीप मोरधिया,बाकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदाना हैं। बांबे हाईकोर्ट ने भी सज़ा बरक़रार रखी।
दोषियों की 14 साल सज़ा पूरी होने के बाद विगत 15 अगस्त 2022 उनके अच्छे व्यवहार की दुहाई देकर, कानूनी दांव-पेंच लगाकर सभी को रिहा कर दिया गया। सरकारी हलफनामे के मुताबिक समय पूर्व रिहाई का सीबीआई और मुंबई स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने विरोध किया था। बेशर्मी और बेहयाई की हद तब की गई जब अभियुक्तों को फूल- माला से स्वागत कर मिठाई खिलाई गई।हमारे भारतवर्ष में कहा जाता है कि ” नारी सर्वत्र पूज्यन्ते “। कितनी ही देवियों के पूजन और उपासना की कथाएं हम जानते-पढ़ते रहे हैं।
प्रधानमंत्री जी को ख़ुद 15 अगस्त को लालकिले से देशवासियों को संबोधित करते हुए भावुक हुए थे और ठीक उसी दिन गुजरात की बिल्किस बानो के दोषियों को सीबीआई जज के मना करने के बावजूद रिहा किया गया। भाजपा की टाइमिंग राजनीति को मानना पड़ेगा। यह सब 2022 के विधानसभा चुनावों में भारी जीत के मद्देनजर किया गया था।
कुलदीप मिश्र
राज्य ब्यूरो प्रमुख
उत्तर प्रदेश
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