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संसद के विशेष सत्र की शुरुआत नई संसद भवन में भव्यता के साथ की गई।

प्रधानमंत्री ने सांसदों के साथ नई संसद भवन में किया प्रवेश।

Sk News Agency- New Delhi

नई दिल्ली  19अगस्त 2023

ब्यूरो डेस्क—-संसद के विशेष सत्र का आयोजन आज गणेश चतुर्थी के दिन धूमधाम के साथ आयोजित किया गया।जिसमें आज से संसद भवन की कार्यवाही नई संसद भवन में शुरू की गई।भारत ने अपने पुराने संसद को जो तमाम ऐतिहासिक पलों को समेटे हुए हैं उसे अलविदा कह दिया है।ज्ञात रहे की पुरानी संसद भवन  के भीतर से ही आधी रात में देश की आजादी का ऐलान हुआ था।आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी संसद के दोनों सदनों के सदस्यों के साथ पुरानी संसद से नई संसद की तरफ रवाना हुए। इस दौरान यह नजारा देखते ही बन रहा था। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे आगे चल रहे थे, और संसद के दोनों सदनों की सदस्य उनके पीछे-पीछे चल रही थे भारत के लिए यह दिन इतिहास की पन्नों में दर्ज हो गया।पुरानी संसद में आने से पहले पुरानी संसद भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित संयुक्त सत्र के विशेष कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ सांसदों ने  संबोधित किया।संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हाल में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुरानी संसद को लेकर लोकसभा के अध्यक्ष और राज्यसभा के  सभापति के सामने निवेदन करते हुए  कहा कि यह विचार करके फैसला लें कि पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ के रूप में जाना जाए। उन्होंने आगे कहां के यह भवन हमें प्रेरणा देता रहे ,और संविधान को आकार देने वाले महापुरुषों की याद दिलाता रहेगा।प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम यहां से विदाई लेकर नये भवन में जा रहे हैं।गणेश चतुर्थी के दिन हम संसद के नए भवन में बैठ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि सभी से निवेदन है कि पुरानी पार्लियामेंट कहकर ना छोड़ दें। इसलिए बिनम्र अनुरोध है कि भविष्य में अगर सहमति दें तो उसको संविधान सदन के रूप में जाना जाए । इससे उन लोगों का नमन होगा जो यहां बैठा करते हैं ,यह भावी पीढ़ी को लिए एक तोहफा भी साबित होगा।प्रधानमंत्री ने अपने आगे भाषण में कहा कि इसी संसद भवन की सेंट्रल हॉल में राष्ट्रगान और तिरंगे को अपनाया गया था। 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने हमारे सांसदों को संबोधित किया है।और हमारे महामहिम राष्ट्रपति द्वारा 86 बार यहां संबोधन किया गया है।और इसी संसद के दोनों सदनों ने मिलकर करीब 4000 से अधिक कानून पास किए हैं।कभी जरूरत पड़ी तो संयुक्त अधिवेशन से भी कानून बनाए गए हैं।दहेज रोकथाम कानून, बैंकिंग सर्विस कमिशन बिल हो या आतंकवाद से लड़ने के लिए कानून हो ,यह इसी सेंट्रल हॉल में संयुक्त संसद सत्र में पास किए गए हैं।उन्होंने कहा इसी संसद भवन में मुस्लिम बहन बेटियों को न्याय की जो प्रतीक्षा थी साहबानों केस के कारण गाढी उल्टी पटरी पर चली गई थी। इसी सदन ने और हमने उन गलतियों को ठीक किया ,और हम सब ने मिलकर तीन तलाक कानून पास किया है।नई संसद भवन में प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद नारी शक्ति बंधन अधिनियम लोकसभा में पेश किया गया। और महिलाओं के लिए लोकसभा में 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी।आपको बता दें कि महिला आरक्षण बिल की मांग 1996 से लगातार जारी है।आपको बताते चलें के महिलाओं को आरक्षण देने वाले बिल को लाने के कई बार प्रयास किए गए हैं लेकिन पास नहीं हो पाया।यह महिला आरक्षण बिल 2010 में यूपीए की सरकार में भी यह बिल राज्यसभा में पेश हो चुका था। था लेकिन सहयोगी पार्टियों के दबाव के चलते  लोकसभा में पारित करने के लिए लोकसभा में नहीं लाया जा सका था।

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