रिश्वत लेने वाले डिप्टी एसपी को CM योगी ने बनाया दरोगा !
रामपुर में सीओ पद पर रहते हुए घूसखोरी का आरोप :
सीओ नगर रहते हुए 2021 में रामपुर तैनात किया गया था। जहां पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था और जांच में आरोप सही पाए गए थे। जिसपर मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए डीएसपी से मूल पद पर डिमोशन के आदेश दिए गए हैं।
इस समय विधा किशोर शर्मा पीटीसी जालौन में तैनात हैं। उन्हें दरोगा बनाए जाने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर गृहमंत्रालय ने उन्हें जालौन पीटीसी भेजा गया है।
दरअसल एक रेप के आरोपी ने अपने निर्दोष होने के तमाम सबूत भी दिए थे और बचाने के लिए तत्कालीन सीओ को 5 लाख रुपए भी दिए थे और सीओ 5 लाख रुपए रिश्वत लेते एक वायरस वीडियो में दिखाई दिए थे।
गोपनीय जांच में भी वह दोषी पाए गए थे।
प्रकरण :
रामपुर के तत्कालीन सीओ विधा किशोर शर्मा का एक अस्पताल संचालक से नोटों से भरे बैग रिश्वत में लेने का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। जिसपर उन्हें निलंबित कर जांच बिठाई गई थी। सीएम ने गोपनीय जांच रिपोर्ट मिलने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस के तहत कार्रवाई करते हुए सीओ विधा किशोर शर्मा को उनके मूल पद पर पदावनित कर दिया गया है।
यहां बताते चलें कि इस मामले को शिकायतकर्ता आरटीआई एक्टिविस्ट दानिश खान ने केंद्रीय सतर्कता आयोग में उठाया था और सीएम से भी शिकायत की थी।
दरअसल एक महिला ने थाना गंज एस ओ अमरीश सिंह और अस्पताल संचालक विनोद यादव पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। जिसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था। अस्पताल संचालक की ओर से अपनी बेगुनाही की बात कही गई और बेगुनाही के सबूत भी दिए गए और अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई गई थी जिसपर उनसे 5 लाख की मांग की गई।
एसीपी अशोक कुमार शुक्ला का कहना है कि सीओ के खिलाफ आरोपपत्र उन्होंने ही दिया था। सीओ विगत 10 माह से डीजीपी कार्यालय से संबद्ध थे। सीओ बनने से पूर्व शर्मा पीएसी में प्लाटून कमांडर पद पर तैनात हुए थे जो उप निरीक्षक पद के समकक्ष होता है। जांच एएसपी को सौंपी गई थी और घूस लेने के आरोप सही पाए जाने पर उनका डिमोशन हुआ है। अब उन्हें पुनः सीओ पद पर पहुंचने में 10-12 साल लगेंगे।
कुलदीप मिश्र
राज्य ब्यूरो प्रमुख
उत्तर प्रदेश
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