राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द,लोकसभा सचिवालय ने की अधिसूचना जारी।
क्या अब 2024 और फिर 2029 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे राहुल गांधी।

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नयी दिल्ली
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता आज शुक्रवार को समय करीब 2:00 बजे रद्द कर दी गई। क्योंकि मानहानि की एक केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 12:30 उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि 27 मिनट बाद उन्हें जमानत दे दी गई थी। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की एक सभा में मोदी सरनेम को लेकर एक विवादित बयान दिया था।सर्वोच्च न्यायालय ने 11 जुलाई 2013 को लिली थॉमस बनाम भारत सरकार की केस में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी पाए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा।जबकि इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की संस्था खत्म नहीं करने का प्रावधान था।
राहुल गांधी के लिए तीन विकल्प
1. अगर राहुल गांधी की सजा का फैसला ऊपरी अदालत ने भी बरकरार रखती हैं तो वे अगले 8 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। 2 साल की सजा पूरी करने के बाद वह 6 साल के लिए अयोग्य घोषित रहेंगे।
2. विधि विशेषज्ञों का कहना है कि लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसदीय सीट केरल की वायनाड लोकसभा क्षेत्र को रिक्त घोषित कर दिया है। चुनाव आयोग इस पर सीट पर चुनाव का ऐलान कर सकता है।और दिल्ली में कांग्रेस नेता को मिले सरकारी बंगले को खाली कराने को भी कहा जा सकता है।
3. कांग्रेस नेता अब सूरत कोर्ट के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दे सकते हैं। कांग्रेस ने अदालत के फैसले पर भी वैधानिक प्रक्रिया पर भी सवाल उठाया है, कि राष्ट्रपति चुनाव आयोग के साथ विचार विमर्श कर किसी सांसद या विधायक को अयोग्य घोषित कर सकते हैं।
राहुल गांधी ने 2013 में अपने हाथों से ही खड़ा था वह अध्यादेश जिसमें आज उनकी सदस्यता जा रही है।
2013 में जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था कि सांसद या विधायक को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा मिलने पर उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मनमोहन सरकार एक अध्यादेश लाई थी ।जिससे सुप्रीम कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो जाए।24 सितंबर 2013 को कांग्रेस सरकार ने अध्यादेश की खूबियां बताने के लिए एक प्रेस कॉन्फस का आयोजन किया था। और इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचकर राहुल गांधी ने कहा था कि यह अध्यादेश बकवास है और इसको फाड़ कर फेंक देना चाहिए उन्होंने उसी समय अध्यादेश की काफी को फाड़ दिया था ।इसके बाद ही अध्यादेश वापस ले लिया गया था।
राहुल गांधी की सदस्यता जाने की पूरी बजह जानिए, आखिर क्यों गई सदस्यता।
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि चोरों का सरनेम मोदी है, सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो या नरेंद्र मोदी।इसके बाद सूरत पश्चिम से भारतीय जनता पार्टी के विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने हमारी पूरी विरादरी को चोर कहा है। और वह हमारे समाज की मानहानि है। इस केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे। और आखरी बार अक्टूबर 2021 की पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था।उनके वकील ने बताया कि मुझसे राहुल गांधी ने कहा कि बयान देते वक्त मेरी मनसा गलत नहीं थी, मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी।इसी मामले मैं राहुल गांधी को कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा और ₹15000 का जुर्माना भी लगाया है। इसके कुछ देर बाद उसी कोर्ट ने उन्हें 30 दिन के लिए जमानत भी दे दी। मानहानि के मामले में 2 साल की जेल अधिकतम सजा है यानी इससे ज्यादा इस मामले में सजा नहीं दी जा सकती है।राहुल गांधी के वकील ने मीडिया को बताया कि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की कोर्ट ने राहुल गांधी को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया था। साथ ही उन्हें जमानत दे दी और 30 दिनों के लिए सजा को निलंबित कर दिया, ताकि उन्हें हाई कोर्ट में अपील करने का मौका मिल सके।
राहुल गांधी पर मानहानि के यह 4 अभियोग और चल रहे हैं जिन पर फैसला आना बाकी है।
1. 2014 में राहुल गांधी ने संघ पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था।एक संघ कार्यकर्ता ने राहुल पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज कराया था यह किस महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में विचाराधीन है।
2. 2016 में राहुल गांधी के खिलाफ असम के गुवाहाटी में भी आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का अभियोग पंजीकृत कराया गया था। शिकायतकर्ता ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा था कि 16 वीं सदी के असम की वैष्णव मठ पर बरपेटा सतरा में संघ सदस्यों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। इससे संघ की छवि को नुकसान पहुंचा है, यह मामला भी अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
3. 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 500 के तहत झारखंड की राजधानी रांची में 21 दर्ज किया गया। यह केस रांची की सब डिविजनल जुडिशल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में विचाराधीन है। जिसमें 20करोड रुपए मानहानि का केस दर्ज है। इसमें राहुल के उस बयान पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी जिसमें उन्होंने मोदी चोर है कहा था।
4. 2018 में राहुल गांधी पर महाराष्ट्र में एक और मानहानि का अभियोग पंजीकृत हुआ। यह मामला मजगांव स्थित सिविल कोर्ट में चल रहा है। आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस संघ के कार्यकर्ता ने दायर किया था। राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को बीजेपी और संघ की विचारधारा से जोड़ा था।
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