राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ईडी को भिजवाया मानहानि का नोटिस।
उन्होंने 48 घंटे के भीतर माफी मांगें, वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है।
Sk News Agency- New Delhi
नयी दिल्ली —22-04-2023
आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आज शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों को मानहानि का नोटिस भिजवाया है।संजय सिंह द्वारा जांच एजेंसी को भेजे गए नोटिस में बताया गया है कि मेरे मुवक्किल एक बहुत ही प्रतिष्ठित और सम्मानित राजनेता और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में भाग लेने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है।आप भी हमारी एक प्रतिष्ठित जांच एजेंसी हैं, जिसके द्वारा देश के अंदर तमाम जटिल मामलों की जांच की गई है। आपके द्वारा दिल्ली शराब घोटाले में मनी लांड्रिंग की जांच की जा रही है। लेकिन आपने जानबूझकर मेरे खिलाफ आपत्तिजनक बातें बोली हैं, और उन्हें लोगों के बीच फैलाने का भी कार्य किया है।नोटिस में उन्होंने आगे लिखा है कि एजेंसी ने आबकारी घोटाले मामले की चार्जशीट में मेरा नाम झूठा लिखा है । जबकि किसी भी गवाह ने मेरा नाम नहीं लिया है ।ईडी ने ऐसा मुझे बदनाम करने के लिए यह ,सब किया है और इसी वजह से मेरा नाम चार्जशीट में डाला गया है ।जिसको लेकर अब प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।इसमें संजय सिंह ने अधिकारियों से 48 घंटे के अंदर सार्वजनिक माफी मांगने अन्यथा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा गया है। उन्होंने लिखा है कि मुझे जो मानसिक पीड़ा हुई है, उसके लिए मैं उचित कार्रवाई करूंगा।यह नोटिस उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा और कथित आबकारी घोटाले के मामले की जांच कर रहे जांच अधिकारी जोगेन्दर को भेजा गया है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल भी ईडी पर भड़के और लगाया यह आरोप
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी शुक्रवार को ईडी पर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि यदि आप नेताओं को फंसाने के लिए टॉर्चर के साथ-साथ हर हथकंडे अपनाने पर उतारू हो गई है।आप नेता और उनसे जुड़े लोगों पर दबाव और प्रभाव डालकर झूठे बयान लिए जा रहे हैं।संजय सिंह के मामले में उन्होंने कहा कि ईडी ने जिस व्यक्ति के बयान के आधार पर संजय सिंह का नाम अपनी चार्जशीट में लिया है ।उसने अपने बयान में वैसा कुछ नहीं कहा जैसा कि चार्जशीट में ईडी ने उल्लेख किया। ईडी ने चार्जशीट में कुछ और ही उल्लेख किया है।उन्होंने कहा कि ईडी ने चार्जशीट में दाखिल किया कि मनीष सिसोदिया ने फोन तोड़ दिए। जबकि उनके फोन ईडी की कस्टडी में मौजूद हैं, हकीकत यह है कि ईडी गलत सबूत पेश कर के अदालत को गुमराह करने पर उतारू हो गया है।
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