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राजस्थान: आरक्षण की मांग को लेकर जाट बैठे धरने पर।

राजस्थान के धौलपुर और भरतपुर के जाटों को नहीं मिल रहा है नौकरियों में आरक्षण का लाभ।

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रतपुर  17/जनवरी/2024

(ब्यूरो डेस्क) न्यूज़ एजेंसी संवाद सूत्र———केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर आज बुधवार से भरतपुर और धौलपुर के जाटों ने आंदोलन शुरू कर दिया है।यह आंदोलन  भरतपुर  जिले के गांव जयचोली में दिल्ली -मुंबई रेलवे ट्रैक के पास स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के नजदीक जाटों का जूटान शुरू हो गया है।दोनों जनपदों के ग्रामीण अंचलों से हजारों आंदोलनकारी पहुंच चुके हैं ,और लगातार पहुंचने का सिलसिला जारी है।

धरना स्थल पर आंदोलनकारी-Sk News Agency

इस आंदोलन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था की पुख्ता इंतजाम किए हैं। और भारी पुलिस बल आंदोलन स्थल पर तैनात कर दिया गया है।आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रहे राजस्थान जाट आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने चेतावनी दी है कि हमारा आंदोलन 22 जनवरी  जबतक  राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न ना हो जाए तब तक शांतिपूर्वक तरीके से चलाया जाएगा। और उसके बाद हमारी मांगे नहीं मानी गई तो हमें मजबूरन अपने आंदोलन का रूप बदलना पड़ेगा।

क्यों उतरे जाट आंदोलन की राह पर, क्या है पूरा मामला

आपको बताते चलें कि राजस्थान के दो जनपदों भरतपुर और धौलपुर के जाटों को मिलने वाला ओबीसी आरक्षण 2014 में खत्म कर दिया गया ।और उसके बाद 2017 में वसुंधरा राजे की सरकार ने ओबीसी कमिशन द्वारा दी गई रिपोर्ट्स के आधार पर आरक्षण फिर से शुरू कर दिया था।लेकिन केंद्र में आज भी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है इस वजह से धौलपुर और भरतपुर की जनपदों के चार्ट केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण को लेकर पिछले 9 वर्षों से लगातार आरक्षण की मांग को लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं।

रेलवे ट्रैक के पास भारी पुलिस बल किया गया है तैनात-Sk News Agency

जब कि केंद्र में आरक्षण का लाभ जाटों को मिल रहा है केवल भरतपुर और धौलपुर की जाटों को छोड़कर।आपको बता दें कि 2013 में मनमोहन सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाटों के साथ ही साथ नौ राज्यों के जाटों को भी आरक्षण दिया था।लेकिन 2014 में मोदी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय का सारा लेकर 10 अगस्त 2015 को दोनों जनपदों के जाटों का केंद्र और राज्यों में आरक्षण खत्म कर दिया था।उनकी मांगों को लेकर अशोक गहलोत सरकार कई बार केंद्र सरकार को पत्राचार कर चुकी है लेकिन लाभ आज तक नहीं मिल पाया है।

खबर-संवाद सूत्र एवं मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर

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