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मोरबी हादसे की हकीकत :

गुजरात के मोरबी में माच्छू नदी पर बने केबल ब्रिज के गिरने से 190 से अधिक की मृत्यु और सैकड़ों घायल हुए हैं।
दरअसल यह पुल 1889 में बना था अभी कुछ दिन पहले 26 अक्टूबर को इसका रिनोवेशन हुआ था। हादसे के वक्त पुल पर 500 लोग मौजूद थे। जबकि पुल की क्षमता 150 लोगों की ही थी।
पुल हादसा होने से कुछ ही मिनट पहले कई युवा अति उत्साह में ब्रिज पर जानबूझकर ब्रिज की रस्सियों को हिलाते दिखाई दिए थे जिसके बाद शाम साढ़े छः बजे अचानक ब्रिज धाराशाही हुआ। स्थानीय प्रशासन जिसमें डीएम और एसपी की लापरवाही स्पष्ट नजर आई। जब क्षमता से अधिक लोगों का जमावड़ा वहां होने की जानकारी थी तो ज़िम्मेदार पुलिस अधिकारियों को सचेत कर वहां तैनात क्यों नहीं किया गया। किसी जानबूझकर की गई साज़िश से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। मौके पर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम पहुंची हैं। जांच टीम घटना की जांच कर रही है।
पश्चिम बंगाल में जब पुल गिरा था जब पीएम मोदी जी ने घटिया और गैरज़िम्मेदाराना राजनीतिक  बयान चुनाव के मद्देनजर चंद वोटों के लिए किया था जिसे देशवासी अभी भूले नहीं हैं।
पीएम मोदी : Morbi bridge collapse is a ‘ Act of Fraud ‘ or ‘ Act of God ‘.
क्या हमारे पीएम मोदी जी गुजरात के इस हादसे पर उसी भाषा शैली का इस्तेमाल गुजरात विधानसभा चुनाव से ठीक पहले करेंगे। शायद असंभव ?
कुलदीप  मिश्र
राज्य ब्यूरो प्रमुख
उत्तर प्रदेश
Sk News Agency

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