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मुख्यमंत्री योगी ने मंत्री- विधायकों के साथ खिंचवाई तस्वीर पर अखिलेश ने पूछे 3 सवाल।

योगी ने विधान मंडल के सदनों के अध्यक्ष एवं सदस्यों की साथ फोटो खिंचवाई थी।

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आपको बताते चलें कि शुक्रवार को बजट सत्र के अंतिम दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान विधानमंडल के दोनों सदनों के अध्यक्षों एवं सदस्यों के साथ एक ग्रुप फोटो खिंचवा आय था।इस फोटो में प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री ना तो केशव प्रसाद मौर्य और ना बृजेश पाठक दिखाई दे रहे।इस फोटो को लेकरआज शनिवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नेता विपक्ष अखिलेश यादव ने ट्विटर पर शेयर करते हुए इस तस्वीर के बारे में लिखा है “उत्तर प्रदेश विधानसभा मंडल के दोनों सदनों के माननीय अध्यक्षों एवं सम्मानित सदस्यों के साथ”अध्यक्ष ने ट्वीट पका दोनों दोनों उप मुख्यमंत्रियों के बिना खींची गई विधानसभा सदस्यों की तस्वीर अधूरी है हम मांग करते हैं कि सरकार की तरफ से उनके उपस्थित न रहने का स्पष्ट कारण बताया जाए।इस संबंध में सपा अध्यक्ष ने 3 सवाल पूछे हैं।

*क्या वो लोग आए नहीं या बुलाए नहीं गए?

*क्या उप मुख्यमंत्रियों के पद का कोई महत्व है या नहीं?

*क्या उनकी गिनती होती भी है या नहीं?

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आपको बता दें कि विधानसभा बजट सत्र के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और सपा नेता शिवपाल सिंह यादव की दोनों उप मुख्यमंत्रियों से कई बार तीखी बहस हो चुकी है।विधानसभा में दोनों ने एक दूसरे पर जमकर हमला बोला था।अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ विधानमंडल के सदनों के अध्यक्षों एवं सदस्यों के साथ दोनों मुख्यमंत्रियों की फोटो ना होने पर भी सवाल खड़े कर दिए।सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा संविधान में लिखे समाजवादी मूल्यों की घोर अवहेलना कर रही है भाजपा के नेता संविधान के निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का अपमान करने के साथ ही संविधान विरोधी बयानबाजी करते रहते हैं ।जिस संविधान की शपथ लेकर पदों पर पहुंचते हैं और उसे नहीं मानते हैं ।उन्होंने कहा कि भारतीय समाज हमेशा समाजवादी समाज के रूम में आगे बढ़ा है।समाजवादी सिद्धांतों पर चलकर ही समतामूलक समाज का निर्माण किया जा सकता है। भारतीय जनता पार्टी पूजी पतियों और पूंजीवादी विचारधारा की समर्थक है ।और धर्म के नाम पर जनता को गुमराह करती रही है। भाजपा की सरकार सबको बराबरी का हक और सम्मान नहीं देना चाहती, इसलिए जाति गणना का पुरजोर विरोध कर रही है।आपको याद दिला दें कि विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में समाजवाद को सबसे बड़ा पाखंड बताते हुए बहरूपिया ब्रांड तक बता डाला था। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसका विरोध करते हुए भाजपा सरकार पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान की मंशा बदलना चाहती है समाजवाद में एक दूसरे का सम्मान सिखाया गया है।आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भाषा शैली को लेकर हमेशा विधानसभा में आलोचना के शिकार होते रहे हैं।

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