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मुख्यमंत्री की दो टूक,समय पर शिकायतों का समाधान न करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्यवाही।

उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम 2011 को प्रभावी ढंग से लागू करने का शासनादेश किया जारी।

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ब्यूरो डेस्क (राजधानी)

उत्तर प्रदेश में अब सरकारी दफ्तरों में जनता की समस्याओं और शिकायतों का समय सीमा के अंतर्गत निस्तारण न करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की खैर नहीं होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो टूक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जनता की समस्याओं पर खरा न उतरने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं होगी। उन्हें दंडित करने की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।उन्होंने सरकारी दफ्तरों में लागू सिटीजन चार्टर का पालन न करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही होना निश्चित है। इसके लिए सरकार ने सरकारी कार्यालयों में आम जनता को समयवद्द तरीके से बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए उस उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम 2011 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए शासनादेश जारी कर दिया है।अब उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी योजना लागू होने के बाद अधिकारियों को निश्चित समय अवधि में सरकारी दफ्तरों को काम करना होगा। ज्यादा दिनों तक फइलें और सूचनाएं नहीं रोकी जा सकेगी। इसके तहत हर सरकारी विभाग में एक पदाधिकारी ,प्रथम अपीलीय अधिकारी और द्वितीय अपीलीय अधिकारी नामित किए जाएंगे। जो कि सरकारी कार्यालयों में आम जनता की सेवाओं को लेकर उनकी समस्याओं और शिकायतों को सुनेंगे। और उसका समय से निस्तारण भी करेंगे।द्वितीय अपीलीय अधिकारी को पदार्थ अधिकारी या प्रथम अपीलीय अधिकारी के खिलाफ ₹500 से लेकर ₹5000 तक अर्थदंड लगाने का भी अधिकार होगा। और यह राशि उसकी वेतन से काटी जाएगी।आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम 4 मार्च 2011 को लागू किया गया था। इसके क्रियान्वयन के लिए विभाग और कर्मचारी ना होने की वजह से इस पर अमल नहीं किया जा रहा था। उत्तर प्रदेश जनहित गारंटी अधिनियम 2011 के क्रियान्वयन के लिए  योगी सरकार ने सचिवालय स्तर पर लोक सेवा प्रबंधन विभाग गठित किया है ।जिसके अंतर्गत एक अनुभाग सृजित किया गया है।

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इस अधिनियम में 46 विभागों की 409 सेवाएं होंगे शामिल

मौजूदा समय में लोक सेवा प्रबंधन विभाग के नियंत्रण में कोई भी निदेशालय या विभागाध्यक्ष कार्यालय और मंडल/ जिला स्तर पर भी कोई कार्यालय नहीं है। इसके चलते अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए विभागों द्वारा की जा रही कार्यवाही का समुचित ढंग से निगरानी नहीं हो पा रही थी। इस अधिनियम के तहत अभी तक 46 विभागों की कुल 409 सेवाएं शामिल की गई हैं। सभी विभागों की 10 कॉमन सेवाओं को मिलाकर कुल 419 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है।

प्रमुख सचिव द्वारा जारी किया गया शासनादेश

प्रशासनिक सुधार विभाग के तहत प्रयागराज जिले में राजकीय कार्यालय निरीक्षणालय के मुख्य निरीक्षक और उप मुख्य निरीक्षक को  सरकारी कार्यालयों की समीक्षा और निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। समीक्षा और निगरानी के बाद संबंधित कमिश्नर को रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद मासिक रिपोर्ट मुख्य निरीक्षक राजकीय कार्यालय निरीक्षणालय  प्रयागराज को प्रत्येक माह के अंतिम सप्ताह में दी जाएंगी। यह रिपोर्ट मुख्य निरीक्षक और उप मुख्य निरीक्षक राजकीय कार्यालय उत्तर प्रदेश द्वारा पूरे प्रदेश की रिपोर्ट को संकलित कर निर्धारित प्रारूप में हर माह की 1 तारीख को लोक सेवा प्रबंधन विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी। इसका उद्देश्य है कि सरकारी विभागों में आम जनता कर्मचारियों को भी बेहतर सेवाएं मिल सके। इसके लिए 25 मई 2023 को प्रमुख सचिव के. रविंद्र नायक द्वारा शासनादेश जारी किया जा चुका है।

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