भाजपा के खिलाफ उतरे आईपीएस प्रभाकर चौधरी के पिता।
8 साल में डेढ़ दर्जन बार ट्रांसफर हो चुका है प्रभाकर चौधरी का।
Sk News Agency-UP
अंबेडकरनगर (ब्यूरो डेस्क)
जनपद बरेली में तैनाती के दौरान आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी को लाठी चार्ज करने के मामले 3 घंटे के अंदर ही उनका ट्रांसफर लखनऊ पीएसी में कर दिया गया था।मगर यह मामला खूब सुर्खियां बटोर रहा है हर कोई आईपीएस प्रभाकर चौधरी की इमानदारी और कार्यशैली की भूरि -भूरि प्रशंसा कर रहा है।
और अब इस कड़ी में आईपीएस प्रभाकर चौधरी के पिता पारसनाथ ने भी 8 वर्ष में 18 बार ट्रांसफर होने पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि वह भाजपा में रह चुके हैं। मगर अब भाजपा के खिलाफ खड़े दिखाई देंगे।उन्होंने इस स्थानांतरण को लेकर भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है।उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा के प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर का मुख्य कारण उनकी ईमानदारी है। और ईमानदारी की वजह से ही वेस्ट ट्रांसफर का दंश झेलते हैं। वह सत्ता पक्ष के नेताओं से दूरी बना कर चलते हैं। और वह उनकी बातों को नहीं सुनते क्योंकि नेता हमेशा उनसे गलत कार्य करवाना चाहते हैं।और इसी वजह से सत्ताधारी पार्टी के नेता नाराज हो जाते हैं और इसी वजह से उनका ट्रांसफर करवा दिया जाता है।उनके पिता का कहना है कि प्रभाकर चौधरी को ट्रांसफर की इतनी आदत सी पढ़ चुकी है कि वह जिले या प्रदेश में 4 से 6 महीने में ही रहते रहते खुद ही ऊब जाते हैं। उन्हें पता होता है कि उनका ट्रांसफर करवा दिया जाएगा।उनके पिता ने मीडिया को बताया कि बरेली में कांवरियों पर लाठीचार्ज कराकर उन्होंने कानून व्यवस्था को कायम रखकर अच्छा काम किया। अगर उस दिन जरा सी भी लापरवाही बरती गई होती तो करीब 10 से 12 कावड़ी जरूर मारे जाते। लेकिन अच्छे काम का नतीजा काफी बुरा मिला हमें इसका बेहद दुख है।
एक से डेढ़ दर्जन इलाकों में बीजेपी को जीतने नहीं दूंगा।
प्रभाकर चौधरी के पिता ने यह भी कहा कि मैं पहले बीजेपी का एक बड़ा पदाधिकारी रह चुका था लेकिन आज से मैंने तय कर लिया है कि मैं बीजेपी के खिलाफ ही रहूंगा।उन्होंने यह भी कहा कि मैं बहुत बड़ा आदमी तो नहीं हूं लेकिन 10 से 20 लाखों पर मेरी भी पकड़ मजबूत है वहां तो में बीजेपी को कभी जीतने नहीं दूंगा। और ऐसा इसलिए करूंगा क्योंकि मेरे बेटे के साथ गलत किया। उसकी ईमानदारी के बदले उसका ट्रांसफर ही करवा दिया गया है।आपको बता दें कि कावड़ियों पर लाठीचार्ज होने के महज 3 घंटे के अंदर ही प्रभाकर चौधरी का स्थानांतरण लखनऊ पीएसी कर दिया गया था।और प्रभाकर चौधरी की जगह पर सीतापुर के पुलिस अधीक्षक सुशील चंद्रभान धुले को बरेली का नया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बनाया गया था।आपको बता दें कि प्रभाकर चौधरी का नाम उत्तर प्रदेश के तेजतर्रार आईपीएस में गिना जाता है। यह युवा पुलिस अधिकारी उत्तर प्रदेश के जितने जनपदों में तैनात रहा है, वहां पर कानून व्यवस्था से कोई खिलवाड़ नहीं कर पाया।यह युवा अधिकारी परीक्षा के रिजल्ट के आधार पर थानों का चार्ज देकर सुर्खियां बटोर चुका है।
खबर—— मीडिया रिपोर्ट एवं सूत्रों के हवाले से
आप आने वाले लोकसभा चुनाव में किसको वोट करेंगे?