बोरवेल में गिरे 6 साल के मासूम को एनडीआरएफ की टीम ने निकाला सुरक्षित।
5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने निकाला बाहर।

जनपद हापुड़
जनपद के कोटला सादात में आज सुबह 11:30 बजे मोहसिन खान का करीब 6 साल का बेटा माविया घर के बाहर खेलते समय 40 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था।आपको बताते चलें कि जिस बोरवेल के गड्ढे में बालक गिरा वह नगरपालिका का था।जिसको कड़ी मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। और उसके बाद एंबुलेंस से बच्चे को अस्पताल भेजा गया ।और वहां पर उसके स्वास्थ्य का निरीक्षण किया जा रहा है।आपको बता दें कि हादसे की सूचना जब परिवार के लोगों को हुई तो परिवार वालों ने किसी तरह प्रशासन को सूचना दी। सूचना मिलते ही सबसे पहले पुलिस अधीक्षक दीपक भूकर और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई।और उसके बाद जिला प्रशासन ने एनडीआरएफ को सूचना दी सूचना मिलते ही एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम ने अपना अभियान शुरू कर दिया। जानकारी देते हुए एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट दीपक तलवार ने कहा कि मेरी टीम ने बहुत अच्छा काम किया है, बच्चा बोल और सुन नहीं पाता। इसलिए हम लोगों को थोड़ी सी परेशानी का सामना करना पड़ा ।लेकिन हमने बच्चे को सकुशल बाहर निकाल लिया और अभी वह अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टर उसके स्वास्थ्य का परीक्षण कर रहे हैं।बच्चे के पिता मोहसिन ने बताया कि जहां पर मेरा बच्चा गिरा है वहां पर करीब 35 साल पहले नगर पालिका परिषद द्वारा एक कुआं खोदा गया था। 10 साल से इस कुएं का इस्तेमाल नहीं हो रहा था। बोरवेल का मुंह खुला हुआ था इसलिए हादसा हुआ है।इस हादसे पर जमा स्थानीय लोगों ने नगर पालिका परिषद प्रशासन पर नाराजगी जताई जिसने कुए को यूंही खुला छोड़ दिया।सूचना मिलते ही घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जुट गई थी। मोहल्ले के लोग बच्चे की सलामती की दुआ की मांग कर रहे थे। बच्चे के परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया था।जब बच्चा सुरक्षित निकाल लिया गया तब बच्चे के परिजनों को तसल्ली मिली।
अंब्रेला टूल का किया गया इस्तेमाल आखिर यह क्या है?
१.अंब्रेला टूल एक छतुरी नुमा एक लंबी स्टिक होती है।
२. किसी भी बच्चे या वस्तु को निकालने के लिए इसे गड्ढे या बोरवेल में सीधे रस्सी के सहारे अंदर डाला जाता है।
३. टास्क के पास पहुंचकर यह स्टिक दो हिस्सों में खुलती है।
४.यह टास्क को नीचे से दोनों ओर से पकड़ लेती है।
५. उसी रस्सी के सहारे लोहे के दो रिंग भी डाले जाते हैं यह रिंग टास्क को बीच में सेट कर लेते हैं।
६.उसके बाद टास्क को ऊपर की ओर रस्सी के सहारे खींच लिया जाता है।
कैसे निकाला गया बच्चा——-एनडीआरएफ की टीम के कर्मचारियों ने बताया कि बोरवेल में कैमरा डाला गया तो बच्चा खड़ा दिखा। उसके बाद टीम ने बच्चे को निकालने के लिए अंब्रेला टूल का इस्तेमाल किया। उसे एनर्जी देने के लिए एक बोतल दूध दिया गया था। जिससे के बच्चे को कमजोरी का सामना ना करना पड़े।दूध पीने के बाद बच्चे को देखने के लिए एनडीआरएफ की टीम ने बोरवेल के अंदर कैमरा डालकर स्क्रीन पर अंदर के हालात को देखने की कोशिश की जा रही थी। और साथ ही साथ बोरवेल में मोबाइल डालकर बच्चे के पिता और दादा को उसको दिखाया जा रहा था। जिससे इशारों के माध्यम से उसे कुछ समझाया जा सके।
रिपोर्ट एस के न्यूज़ एजेंसी संवाद सूत्र
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