दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने बिना फास्टैग वाले वाहनों से दोगुना टोल टैक्स वसूलने के नियम को चुनौती देने वाली याचिका पर नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ऑफ इंडिया और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
मामले में मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और सुब्रह्मण्यम प्रसाद की पीठ ने NHAI ,सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को नोटिस जारी किया है।
याचिका में कहा गया है कि NHAI का नकद (कैश) रुप में दोगुना टोल टैक्स वसूलना न्यायोचित नहीं है और भेदभावपूर्ण, मनमाना और जनहित के खिलाफ है।
अपील :
कोर्ट ने जवाब के लिए अथाॅरिटी को महज चार हफ्तों का समय दिया है। अगली सुनवाई 18 अप्रेल 2023 को होगी।
वाहन मालिक तीन महीने से अधिक दिनों तक दोगुना टोल टैक्स भरने को अभिशप्त और कैश पर्ची कटाकर सफर करने वालों की मुश्किलें अभी जारी रहेंगी और उनकी जेबें ढीली होती रहेंगी।
बकौल शायर
जो कही गई न मुझसे वो हाई कोर्ट कह रहा है,
बड़ी बेदर्द-बेवफा हो गई है सरकार चलते-चलते।
कुलदीप मिश्र
राज्य ब्यूरो प्रमुख
उत्तर प्रदेश
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