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पूर्व सांसद कुमार देवेंद्र सिंह यादव समाजवादी पार्टी छोड़ भाजपा में हुए शामिल।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री के उपस्थिति में ली भाजपा की सदस्यता।

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जनपद-एटा 

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न्यूज़ एजेंसी संवाद———————- समाजवादी पार्टी को रविवार को तगड़ा झटका उसे समय लगा जब उसके पूर्व सांसद कुंवर देवेंद्रसिंह यादव समाजवादी पार्टी छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।आपको बताते चलें कि कुंवर देवेंद्र सिंह यादव समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे हैं।उनका वर्चस्व जनपद एटा के अलावा कासगंज के तराई क्षेत्र में विस्तार से है।कुंवर देवेंद्र सिंह यादव रविवारको लखनऊ जाकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक एवं भाजपा प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में भारतीय जनता पर्टी  में शामिल हो गए।इस अवसर पर एटा लोकसभा क्षेत्र से सांसद राजवीर सिंह राजू भैया भी मौजूद रहे।आपको बता दें कि कुंवर देवेंद्रसिंह यादव कई पदों पर रहे हैं। वह अलीपुर बरबारा के  प्रधान से लेकर सोरों के दो बार 1983 एवं 1988 में ब्लॉक  प्रमुख के पद पर भी चुने गए हैं।इसके अलावा वह 1989 और 1996 में पटियाली विधानसभा क्षेत्र से विधायक का भी चुनाव जीत चुके हैं।वह 1999 और 2004 में एटा लोकसभा क्षेत्र से सांसद का चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंच चुके हैं।इनकी बेटी कासगंज जनपद की  जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी का लगातार किला धराशाई  होता जा रहा है।समाजवादी पार्टी के ही  शीतलपुर ब्लॉक प्रमुख रहे वजीर सिंह यादव भी समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुके हैं।आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी का जनपद एटा /कासगंज गढ़ रहा है। यहां कभी  एटा कासगंज की सभी विधानसभा  सीटों के अलावा एटा, जलेसर ,कासगंज- बदायूं लोकसभा क्षेत्रों में  संसद और विधानसभा में समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया करते।थे।सभी छोटे-बड़े चुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत होती थी।मगर आज समय है कि कोई समाजवादी पार्टी में रुकना नहीं चाह रहा है।आपको बताते चलें कि सन् 2009 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को अपने समर्थन से लोकसभा में भेजना गुनाह बन गया है ।और तभी से लगातार समाजवादी पार्टी का जनपद में इकबालगिरता चला गया, जो लगातार जारी है।जनता जनार्दन का कहना है कि जब समाजवादी पार्टी ने  ही इनकी जड़ों को सींचा है तो फिर हम क्यों पीछे रहें।यदि समाजवादी पार्टी उसे समय अपना समर्थन देकर पूर्व मुख्यमंत्री को लोकसभा में नहीं भेजती तो शायद कल्याण सिंह के परिवार का राजनीति में इकबाल कायम नहीं होता।क्योंकि अलीगढ़ की जनता जनार्दन इनको नकार चुकी थी। और उनके परिवार में कोई भी जनता द्वारा निर्वाचित जनपतिनिधि नहीं रह गया था।क्योंकि भारतीय जनता पार्टी द्वारा कल्याण सिंह को पार्टी से अलग निकाल दिया गया था।

खबर—- जनता जनार्दन से बातचीत के आधार पर विशेष रिपोर्ट

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