पश्चिम में मुस्लिम, जाट, गुर्जर, मौर्य/ सैनी समाज में मतदान के दिन देखा गया उत्साह।
पश्चिम में सरकार के प्रति दिखाई दी नाराजगी, गठबंधन को लोगों ने किया पसंद
ब्यूरो डेस्क
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान हो चुका है। इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 25 जनपदों की 114 विधानसभा सीटों का निर्वाचन संपन्न हो हुआ है।इसमें मुस्लिम,जाट ,गुर्जर ,समाज के पोलिंग बूथों पर लंबी लंबी लाइनें लगी देखी गई।और वहां का मत प्रतिशत भी अच्छा खासा रहा है।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की नई सोशल इंजीनियर का जबरदस्त क्रेज दिखा है। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यह दावा भी फेल दिखाई दिया। कि हम 80 प्रतिशत मतदाताओं के वोट हासिल करेंगे, विपक्ष 20प्रतिशत पर चुनाव लड़ रहे हैं।इस दावे की हवा अखिलेश यादव की नई सोशल इंजीनियरिंग निकालकर अलग फेक दी। लोगों में सबसे ज्यादा गुस्सा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की भाषा शैली के प्रति दिखाई दिया।कि ठौंक दो ,कि चर्बी उतार देंगे, मई- जून में उत्तर प्रदेश को शिमला बना देंगे। और रही कसर छुट्टा घूम रहे गोवंश और किसान आंदोलन ने पूरी कर दी है।लोगों का कहना था कि गोवंश की रक्षकों को अपनी सरकार में पंचायत स्तर पर गोशाला का निर्माण करना चाहिए था और उसका रखरखाव गुणवत्ता युक्त होना चाहिए था। वो नहीं किया गया है और हमारी फसलों को इन छुट्टा जानवरों ने बर्बाद करके रख दिया है। और यह वही सरकार है जिसने किसान आंदोलन के समय कीलें और पत्थर लगवा का रास्ता को रोकने का कार्य किया था।लोगों में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की जोड़ी में अपना भविष्य दिखाई दे रहा है। अखिलेश यादव की नई सोशल इंजीनियरिंग में जाट, गुर्जर, यादव, मौर्य/सैनी समाज ने मतदान में गठबंधन के पक्ष में मतदान करने का फैसला कई सप्ताह पहले ही कर लिया था। और अखिलेश की सोशल इंजीनियरिंग के मतदाता गठबंधन के प्रति मतदान के दिन लामबंद भी दिखाई दिए हैं।पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों का कहना था कि सरकार जब बनी थी। तब बढ-,चढ़ का प्रचार किया गया था कि हमारी सरकार में दलाल और दलाली खत्म हो जाएगी। मगर देखा गया कि दलाल और दलाली तो समाप्त नहीं हुई उल्टे दलाली का रेट जरूर बढ़ गया।***********जनता जनार्दन से बातचीत के आधार पर विशेष रिपोर्ट