निर्वाचन आयोग के पत्र ने रेखा यादव के लिए के किया संजीवनी का काम।।
निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी की ओर से जारी पत्र जिलाधिकारी और एसएसपी की निष्पक्षता पर लगाता है प्रश्न चिन्ह।
जनपद एटा
पंचायत चुनाव में सत्ताधारी दल को जिले की जनता नकार दिया। तो भारतीय जनता पार्टी ने प्रशासन का सहारा लेना शुरू कर दिया। विपक्ष के नेताओं पर फर्जी मुकदमे बाजी का दौर शुरू हो गया। ।और साजिश यह थी कि विपक्षी दल के प्रत्याशियों का नामांकन नहीं होने दिया जाए।और अभियोग पंजीकृत करा कर या तो जेल में डाला जाए । या फिर जिला बदर कर दिया जाए । जिससे कि यह मतदान प्रक्रिया से दूर रहें और सत्ताधारी दल को इसका फायदा मिले। और जिला पंचायत अध्यक्ष एटा के पद पर सत्ताधारी दल का प्रत्याशी बैठे। मगर इनके मंसूबों को फेल कर दिया –समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव की ट्विटर पर एक पोस्ट ने। आखिर में निर्वाचन आयोग के विशेष कार्य अधिकारी को पत्र जनपद के जिलाधकारी अंकित कुमार अग्रवाल एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिंह की कार्यशैली के लिए लिखना पडा।और इनकी कार्यशैली पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया। राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी के पत्र ने सपा प्रत्याशी रेखा यादव को संजीवनी प्रदान कर दी है। राज्य निर्वाचन आयोग से जारी पत्र में कहा गया कि जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत सदस्यों के खिलाफ फर्जी अभियोग पंजीकृत कर उनको गिरफ्तार करने की कार्यवाही संज्ञान में आई है जिससे वे आगामी जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुख के मतदान में हिस्सा न ले सकें। यह बेहद खेद जनक एवं आपत्ति जनक है। निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी एस सिंह की ओर से एटा जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को जारी सख्त पत्र में लिखा गया है कि नामांकन प्रक्रिया से लेकर चुनाव संपन्न होने तक निर्वाचित प्रतिनिधियों पर न तो फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जाएं। और ना उनकी गिरफ्तारी की जाए। निष्पक्ष एवं निर्भय होकर मतदान करने दिया जाए। राज्य निर्वाचन आयोग के इस पत्र से जनता में जिला प्रशासन की कितनी अच्छी छवि है बनी है। जनता जनार्दन में जिला प्रशासन की निष्पक्षता पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
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