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नरेंद्र मोदी के सबसे बड़े फैसले की पोल उन्हीं के सांसद सुशील मोदी ने ही दी खोल!

बकौल शायर :
ये सच है तो साथ मेरे खड़ा हो जा।
ये जो न मुमकिन हो तो जुदा हो जा।
झूठ बोलना मुझे नहीं आता
तू भले सुनकर सच खफ़ा हो जा।
अफवाहें हैं क्या बाजार से 2 हज़ार के नोट गायब हो गए हैं। बैंकों में अगर जाएं और 20 हजार से लेकर 1 लाख तक की निकासी में बैंक से 2 हज़ार के नोट मांगें तो जवाब मिलेगा कि 2 हज़ार के नोटों की जबरदस्त किल्लत है। आरबीआई के मुताबिक 2019 से 2 हज़ार के नोटों की छपाई बंद है। देश में 4,90,000 करोड़ के 2 हज़ार रुपए के नोट चलन में हैं।
कल संसद में सत्ताधारी दल के सांसद और बिहार के पूर्व सीएम सुशील मोदी ने अपनी ही केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि 2 हज़ार के नोट को बंद कर देना चाहिए। अगर 6 साल पहले एक मोदी ने रातों-रात 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट रद्दी में बदलकर 500 और 2000 रुपए के न ए नोट लांच किए थे और कालेधन को खत्म करने और नकली नोटों का खेल खत्म करने सहित तमाम वादे किए गए थे।
मोदी जी के बिना सोचे समझे तुगलकी अंदाज में नोटबंदी का फैसला लिया गया और पूरे देश में नोटबंदी थोप दी गई थी। मोदी सरकार के इस फैसले की चहुंओर आलोचना हुई थी जिसपर काफी कुछ बोला और लिखा जा चुका है। नोट बंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर दर्जनों याचिकाकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई और सरकार की बड़ी फजीहत हुई है।
बीते सालों में अरबों रुपए के नोट कालेधंधेबाजों,घूसखोरों और मुनाफाखोरों ने संदूकों में छुपाकर रखें हैं। बीते सालों में जितने भी घूसखोर, मुनाफाखोर और भ्रष्टाचारी चोर पकड़े गए उनके पास इन्हीं 2 हज़ार के नोटों के बक्से और सूटकेस मिले हैं। दो नंबरी और दस नंबरी लोगों ने इन 2 हज़ार के नोटों की जमाखोरी की फलस्वरूप बाजार और बैंकों में इस नोट की जबरदस्त कमी आई है।

नोट बंदी अपने आप में एक तुगलकी फैसला था और कुछ नहीं। पीएम मोदी ने देशभर में नोटबंदी थोप कर इतिहास में अपना नाम ज़रूर दर्ज कराया लेकिन वास्तव में देश और देशवासियों को बहुत गंभीर नुकसान पहुंचाया। जिन दावों के साथ नोटबंदी की गई उसका परिणाम बहुत बुरा हुआ। भाजपा अब कहीं किसी चुनावी सभाओं में नोटबंदी का ज़िक्र तक नहीं करती।
क्या बोले सुशील मोदी : बाजार में गुलाबी रंग का जो 2 हज़ार रुपए का नोट हैं उसका दर्शन दुर्लभ हो गया है। एटीएम से नहीं निकल रहा है,अफवाह है कि यह अब लीगल टेंडर नहीं रहा। केंद्र सरकार को चाहिए कि स्थिति स्पष्ट करे। बड़े पैमाने पर लोगों ने 2 हज़ार के नोट की होर्डिंग कर रखी है और उसका इस्तेमाल अबैध व्यापार में धड़ल्ले से हो रहा है। कुछ जगह इस नोट की ब्लैक मार्केटिंग हो रही है। ड्रग्स, मनी लांड्रिंग, क्राइम और ट्रेरर फंडिंग में इस्तेमाल बड़ी मात्रा में जारी है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

कुलदीप मिश्र
राज्य ब्यूरो प्रमुख
उत्तर प्रदेश

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