नकली खाद बनाना और बेचना मनीष गुप्ता को पड़ा भारी 30.14 करोड़ की संपत्ति हुई कुर्क।
जिलाधिकारी के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई कार्यवाही।

Sk News Agency-UP
जनपद-लखीमपुर
न्यूज एजेंसी संवाद सूत्र—-जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह को काफी समय से जनपद में नकली खाद बनाने और बेचने का कारोबार होने की लगातार सूचनाओं मिल रही थी।और यह सूचना भी थी कि जनपद के गोला निवासी एवं खाद व्यवसाय मनीष गुप्ता पुत्र बाबूराम गुप्ता के द्वारा पिछले कई वर्षों से नकली खाद का व्यापार लखीमपुर के अलावा अन्य जनपदों मैं भारी मात्रा में किया जा रहा है।जांच में मनीष गुप्ता पुत्र बाबूराम गुप्ता अपने प्रतिष्ठान लखीमपुर स्थित गोविंद इंडस्ट्रीज के माध्यम से यह भारी खेल खेला जा रहा था।आज सोमवार को जनपद के जिलाधिकारी के आदेश पर गोविंद इंडस्ट्रीज कोशिश किया गया।

और इसके अलावा मनीष गुप्ता के अन्य भाइयों मनोज गुप्ता व रजनीश गुप्ता की नकली खाद्य, पेस्टिसाइड से भारे पांच गोदामों को भी सील किया गया। इसके बाद मनीष गुप्ता के विरुद्ध शुरू हुई प्रशासनिक जांच के बाद लखीमपुर, गोला, मैगलगंज, लालपुर, धर्माखेड़ा खखरा व जमुनिया कढिले आदि स्थानों पर तमाम भूखंड ब आवासीय संपत्तियों का खुलासा हुआ।जो मनीष गुप्ता द्वारा अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम से खरीदी गई थी।पुलिस की जांच पड़ताल में खुलासा होने के बाद जांच अधिकारी द्वारा उत्तर प्रदेश गिरोहबंद एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के तहत संपत्ति कुर्क किए जाने की संस्कृति की थी।जिस पर जनपद की तेजतर्रा जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने सभी संपत्तियों को कर्क करने का निर्देश दिया था।जिस पर पुलिस ने कारोबारी मनीष गुप्ता द्वारा अवैध रूप से अर्जित 30.14 करोड रुपए की संपत्ति की गई है। जो अलग-अलग इस प्रकार है– 6 मकान ,2 फैक्ट्री, व 10 भूखंड/ प्लॉट (कुल 1.9383 हेक्टेयर यानी 4.79 एकड भूमि) 1फॉर्च्यूनर कार, 8 ट्रक, 2 मोटरसाइकिल, व एक बोलेरो पिकअप जब्त की है। आपको बताते चलें कि मनीष गुप्ता ने अपने पुत्र रितिक गुप्ता व पत्नी सोनिका का गुप्ता के नाम से मैसर्स गोविंद इंडस्ट्रीज उर्वरक फैक्ट्री लगाई थी।जिससे नकली खाद का उत्पादन कर अवैध कमाई करने का जरिया बनाया गया था।
खबर–न्यूज़ एजेंसी संवाद सूत्र एवं मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर
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