धरतीपुत्र के नाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव का गुरुग्राम के मेदांता में हुआ निधन।
82 वर्ष की उम्र में हुआ निधन। कल 3:00 बजे सैफई में होगा अंतिम संस्कार।
नई दिल्ली
धरतीपुत्र के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं देश के पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव का हरियाणा के गुड़गांव स्थित गुरुग्राम के मेदांता में आज सोमवार को सुबह 8:15 बजे निधन हो गया। उनके निधन की सूचना मिलते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। आपको बताते चलें कि धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को संयुक्त प्रांत ब्रिटिश भारत के इटावा जिले के गांव सैफई में शुगर सिंह यादव एवं मूर्ति देवी के घर हुआ था। 6भाई बहन थे जिसमें 5 भाई और एक बहन हैं। भाइयों में सबसे बड़े रतन सिंह यादव से छोटे थे धरतीपुत्र और उनसे छोटे थे अभय राम सिंह, शिवपाल सिंह ,राजपाल सिंह एवं बहन कमला देवी।
तीन बार रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
प्रथम बार 5 दिसंबर 1989 से 24 जून 1991 तक
दूसरी बार 5 दिसंबर 1993 से 3 जून 1995 तक
तीसरी बार 29 अगस्त 2003 से 13 मई 2007 तक
संयुक्त मोर्चा की सरकार में दो बार देश के रक्षा मंत्री रहे धरतीपुत्र
प्रथम बार 1996 में एचडी देवड़ा सरकार में
दूसरी बार 1998 में इंद्र कुमार गुजराल की सरकार में
7 बार लोकसभा सांसद रहे
एक बार विधान परिषद के सदस्य रहे
10 बार विधानसभा के सदस्य रहे
एक बार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष
दो बार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष
एक साथ तीन विधानसभा और दो लोकसभा क्षेत्र से कई बार मुलायम सिंह चुनाव जीत चुके हैं।
दो बार प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए थे मुलायम सिंह यादव।
आपको बताते चलें कि 1996 में कांग्रेस की करारी हार के बाद कांग्रेस को 141 सीटें और भारतीय जनता पार्टी को 161 सीटें मिली थी और किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था और सरकार बनाने का न्योता अटल बिहारी वाजपेई को मिला और उनकी सरकार बन तो गई मगर 13 दिन बाद सरकार गिर गई अब कांग्रेस के पास मौका था सरकार बनाने का मगर सर कॉन्ग्रेस खिचड़ी की सरकार बनाना नहीं चाह रही थी और विश्वनाथ प्रताप सिंह ने भी पीएम बनने से मना कर दिया था उस समय ज्योति बसु का नाम चर्चा में आया। जिसे पोलित ब्यूरो ने नामंजूर कर दिया था। अब मुलायम और लालू के नाम पर विचार किया जाने लगा।मगर लालू प्रसाद का नाम चारा घोटाले के चलते इस रेस से बाहर हो गया। अब तो केवल मुलायम सिंह यादव का नाम ही रह गया और उनकी पैरवी कर रहे थे हरकिशन सिंह सुरजीत। और हरकिशन सिंह सुरजीत ने उनकी शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी भी पूरी कर ली थी। मगर लालू प्रसाद यादव व शरद यादव के विरोध के चलते एच डी देवगौड़ा को प्रधानमंत्री बना दिया गया। और यह सरकार भी 1999 में गिर गई। और 1999 में दोबारा चुनाव हुए तो मुलायम सिंह यादव ने संभल और कन्नौज लोकसभा क्षेत्र दोनों सीटें अपने नाम कर ली। मगर कई यादव नेताओं के विरोध के चलते वह प्रधानमंत्री नहीं बन पाए। और उन्होंने कन्नौज लोकसभा क्षेत्र से त्यागपत्र दे दिया। उसके बाद हुए उपचुनाव में पहली बार अखिलेश यादव लोकसभा सांसद बने।
मुलायम सिंह यादव के निधन पर उत्तर दे सरकार ने 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।
मुलायम सिंह यादव के निधन पर बिहार सरकार ने 1 दिन का राजकीय शोक की घोषणा की है।
मुलायम सिंह के निधन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री एवं राजनेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार कल मंगलवार को 3:00 बजे उनके पैतृक गांव सैफई में किया जाएगा।
कई राज्यों के मुख्यमंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष भी सैफई में मुलायम सिंह को देंगे अंतिम श्रद्धांजलि।
मुलायम सिंह यादव का शव मेदांता हॉस्पिटल से सैकड़ों गाड़ियों के साथ सैफई ले जाया गया।
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