दिल्ली जाने के लिए अपनी जिद पर अड़े किसानों पर पुलिस ने चलाई रबड़ की गोलियां।
शंभू बॉर्डर और खनौनी बॉर्डर पर पुलिस और किसानों के बीच हुई झड़प में कई किसान और पुलिसकर्मी घायल
Sk News Agency-New Delhi
न्यूज एजेंसी संवाद सूत्र ——————पंजाब और हरियाणा से किसान मंगलवार को अपनी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, लखीमपुर खीरी हादसे पर सख्त कार्रवाई करने, एमएसपी पर गारंटी, सहित अपनी एक दर्जन मांगों को लेकर दिल्ली चलो मार्च के लिए निकल थे।दिल्ली के आसपास के बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने काफी मजबूत इंतजाम किए थे।पंजाब हरियाणा की शंभू बॉर्डर पर बेरीकेट्स तोड़ने की किसानों द्वारा कोशिश की गई तो पुलिस ने ड्रोन के माध्यम से आंसू गैस के गोले छोड़े।हरियाणा में कई जगह किसानों द्वारा वैरीकेटिंग हटा दिए गए हैं।जींद में पांच पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं ,और कई किसानों की भी घायल होने की सूचना है।
दिल्ली किसान आंदोलन को लेकर भाकियू (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत का सरकार को ऐलान
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) दिल्ली चलो आंदोलन से खुद को अलग रखने वाले भारतीय किसान मोर्चा (टिकैट) का भी रख अब बदलता दिखाई दे रहा है।भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार को चैलेंज देते हुए कहा कि भले ही हम इस आंदोलन में शामिल नहीं है ।लेकिन सभी किसान है, और सब की अपनी-अपनी समस्याएं हैं।उन्होंने सरकार को चलेंगे देते हुए कहा कि दिल्ली जा रहे किसानों पर अत्याचार और तानाशाही की कार्रवाई को अपनाया गया तो वह भी दिल्ली पहुंच जाएंगे।और किसान और दिल्ली हमसे दूर नहीं है।उन्होंने कहा कि देश में बहुत तादाद में संगठन है। सब अपने-अपने तरीके से किसान हित में कार्य कर रहे हैं और किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं।किसानों की लड़ाई में सरकार गलत कर रही है। दीवार बना रही है, सड़कों पर कीले ठोक रही है। पाकिस्तान बॉर्डर पर भी तार और कीले ठुकी हैं क्या?उन्होंने कहा सरकार गलत तरीके से किसानों को रोकने का प्रयास कर रही है। और यह समस्या किसानों से बातचीत के बाद भी हाल हो सकती है।आपको बताते चलें कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया गया है।
खबर——– न्यूज़ एजेंसी समाज सूत्र एवं मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर
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