दंगों के खिलाफ जब लड़े थे हिंदू-मुस्लिम, रामनवमी पर पहली बार जला था जमशेदपुर।
सांप्रदायिक दंगों पर प्रकाश डाल रहे हैं :कुलदीप मिश्रा
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देश का इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि त्योहार के मौकों पर दो समुदायों के बीच झड़प होती रही है। जमशेदपुर 1979 की हिंसा से लेकर मलियाना का 1987 का दंगा इसका उदाहरण रहा है।
” देश के लोग यह संकल्प क्यों नहीं लेते कि वो दूसरे समुदायों के प्रति सहिष्णुतापूर्ण रवैया अपनाएंगे।” ये बात रामनवमी के ठीक एक दिन पहले देश की सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कही थी,मगर ये बात किसी को भी सुनाई नहीं दी और देश के तीन राज्यों में कम से कम पांच जगहों पर भीषण हिंसा भड़क उठी। आगजनी,बम ब्लास्ट जैसी घटनाएं हुई और क ई लोग घायल हुए, बिहार में क ई लोगों की जान भी गई। अलग-अलग राज्यों मे ये हिंसा रामनवमी के दिन या रामनवमी के एक दिन बाद हुई।
ममता बनर्जी इन दिनों केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इस बीच रामनवमी जुलूस को लेकर ममता बनर्जी का बड़ा बयान सामने आया जो चर्चा में है। ममता बनर्जी ने कहा था कि “रामनवमी जुलूस को रोकूंगी नहीं। अगर मुस्लिम इलाके पर हमला हुआ तो खैर नहीं”
दिल्ली के जहांगीरपुरी में रामनवमी के दिन हिंसा
दिल्ली के जहांगीरपुरी में रामनवमी के दिन शोभायात्रा निकाले जाने की कोशिश की गई, पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी थी। बावजूद इसके शोभायात्रा के आयोजकों ने अत्यंत संवेदनशील इलाके से भड़काऊ नारे लगाते हुऐ शोभायात्रा निकाली और हिंसा भड़की और कुछ लोगों को छतों से पत्थर बरसाते हुए हुए भी देखा गया। जहां पर पत्थर बरसाए गए उन इलाकों में मुस्लिम समुदाय की आबादी अधिक बताई जा रही है।
दिल्ली से दूर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा के पीछे ममता बनर्जी ने बीजेपी का हाथ बताया। ज़ाहिर है हिंसा के बाद दो समुदायों के बीच तनावपूर्ण माहौल बना रहा।
बिहार के सासाराम और बिहारशरीफ में भी बना रहा सांप्रदादायिक तनाव
बिहार के सासाराम में रामनवमी के बाद दो गुटों में झड़प हो गई. खबरों के मुताबिक पथराव किया गया और गोलियां भी चलाई गईं। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सासाराम में धारा 144 लगा दी गई है। बिहारशरीफ में रामनवमी के जुलूस के दौरान पथराव हुआ था। दोनों तरफ से किए गए हमलों में दो लोगों को गोली लगी थी। पथराव में तीन लोग जख्मी हुए थे।
त्योहारों में बढ़ जाती है हिंसा
गौर करने वाली बात यह है कि इन सभी जगहों पर हिंसा रामनवमी और रमजान के मौके पर हुई। जब भी कोई हिंसा भड़कती है तो गलती दोनों समुदायों के अराजक तत्वों की ही होती है। इसका उदाहरण जमशेदपुर में रामनवमी के दौरान साल 1979 (भाजपा का स्थापना वर्ष) में हुआ दंगा है।
इस दौरान हुआ था रामनवमी के मौके पर पहला बड़ा दंगा
वर्ष 1979 में ही संयोगवश भाजपा का स्थापना वर्ष था। जमशेदपुर दंगा रामनवमी के मौके पर हुआ पहला बड़ा दंगा था। जिसमें 108 लोगों की जान चली गई थी। मारे ग ए लोगों में 79 मुस्लिम और 25 हिंदूओं की पहचान की गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आर एस एस ने 1978 को रामनवमी जुलूस की योजना बनाई थी। इसकी शुरुआत दिमनाबस्ती नामक एक आदिवासी बस्ती इलाके से की
गई।
हालांकि पड़ोसी इलाका साबिरनगर एक मुस्लिम बाहुल्य इलाका था और अधिकारियों ने जुलूस को वहां से गुजरने की अनुमति नहीं दी थी।
आरएसएस ने पूरे एक साल तक इस मुद्दे पर अभियान चलाया
आरएसएस ने तब ये तर्क दिया था कि हमें अपने ही देश में स्वतंत्र रूप से जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
दोनों समुदायों के बीच गतिरोध और नफरतें बढ़ी,और शहर का माहौल खराब हो गया। हिंदुओं ने दुकानों को बंद करने के लिए मजबूर किया और उनमें से कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च 1979 में RSS प्रमुख बालासाहेब देवरस ने जमशेदपुर का दौरा किया और ध्रुवीकरण की राजनिति से प्रेरित भड़काऊ भाषण दिया। इससे स्थिति और ज्यादा खराब हो गयी।
श्री रामनवमी केंद्रीय अखाड़ासमिति नामक एक संगठन ने 7 अप्रैल को एक पर्चा जारी किया जिसमें सा़प्रदायिक हिंसा की घोषणा की गई थी जुलूस निकाला गया।मुस्लिम पक्ष भी अपनी तरफ से पलटवार के लिए तैयार था।पत्थरबाजी हुईऔर दंगा भड़क गया। उस समय बिहार में कर्पुरी ठाकुर की सरकार थी। घटना के लगभग दस दिन बाद सरकार गिर गई।
दरअसल केंद्र में 2014 से भाजपा सरकार के होने से भाजपा अब सभी राज्यों में भाजपा की ही सरकार होने के सपने देख रही है किंतु बिहार,राजस्थान,छत्तीसगढ़,पश्चिम बंगाल और दिल्ली के चुनाव में मोदी,अमित शाह और भाजपा के फायर ब्रांड नेताओं के मुस्लिमों के खिलाफ नफरती भाषणों और अपनी ध्रुवीकरण की चिरपरिचित राजनीतिक चालों के बावजूद वहां की जनता ने भाजपा को धूल चटाई। तभी से भाजपा गैरभाजपा शासित राज्यों में आए दिन दंगा कराकर ध्रुवीकरण की राजनीति कर आगामी विधानसभा चुनाओं के लिए अपनी जमीन तैयार करने के मद्देनज़र रामनवमी के त्योहार पर भगवान राम की आड़ में अलोकतांत्रिक,अमानवीय और असंवैधानिक राजनीतिक हथकंडे अपनाने के लिए दंगों को प्रायोजित कर दंगे करवाती है और फिर माहौल खराब कर वहां की सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है।
आज जरुरत है ऐसे देशप्रेमियों की जो जनता को ये समझाएं कि भाजपा नेताओं की नफरती राजनीति को समझें और अपने विवेक का इस्तेमाल कर हिंदु-मुस्लिम एकता को बनाए रखें।
कुलदीप मिश्र
राज्य ब्यूरो प्रमुख
उत्तर प्रदेश
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