जैन मुनि निर्भय सागर जी का ससंघ का निधौली कलां में हुआ मंगल प्रवेश
सब्जी मंडी स्थित दिगंबर जैन मंदिर में हुई अभिषेक एवं शांति धारा।
जनपद एटा
आचार्य निर्भय सागर महाराज अवागढ में विराजमान थे। आज सुबह उनका नगर में ससंघ मंगल प्रवेश हुआ। निधौली कलां में जब उनका मंगल प्रवेश हुआ तो जैन समाज ने बैंड बाजों के साथ अगवान की। और जगह जगह आरती के साथ स्वागत किया। श्री श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर स्थित सब्जी मंडी में पहुंचकर मुनि संघ के सानिध्य में श्री महाराज की अभिषेक एवं शांति धारा संपन्न हुई। जिसके बाद भक्तों को गुरुवर के मंगल प्रवचन श्रवण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।श्री आचार्य ने दान के बारे में बताया के मुनि के आगमन पर जो आहार दान किया जाता है,वो महादान होता है। जिससे धर्म और समाज में शक्ति का संचार होता है।अंतिम प्रवचन में आचार श्री ने समझ आया कि जैन समाज की स्त्रियों को भगवान कचरु जब वस्त्रहीन होते हैं तब उनको बिना पति के स्पर्श एवं पूजा अर्चना नहीं करनी चाहिए। यह जैन समाज के सिद्धांतों में से एक है।इसके बाद आहार चर्चा शुरू हुई। शाम को उनका मंगल विहार सिकंदराराऊ की ओर हुआ। आचार्य संघ का मंगल बिहार अलीगढ़ के लिए चल रहा है।इस अवसर पर कामिनी जैन, डॉली जैन, संजय जैन, संम्वयक जैन, संजय जैन, हनी जैन, ममता जैन, अनुज जैन, बालेंद्र जैन ,आराधना जैन, कामिनी जैन, सार्थक जैन ,अशोक जैन, टिंकू जैन,छिंगा जैन, मोहन जैन, छुटकी जैन, जूही जैन सहित सैकड़ों जैन समाज के सत्संगी उपस्थित थे।
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