मोदी जी ने एक चुनाव रैली में कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में ऐसे लोग शामिल हुए जिसने गुजरात की अस्मिता को खतरा बताया गया।
दरअसल मोदी जी का इशारा मशहूर पत्रकार मेघा पाटकर के नर्मदा डैम के विरोध को लेकर था। ऐसे में गुजरात की अस्मिता के साथ में विश्व में भारत की अस्मिता पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है।
अमेरिकी पत्रकारों द्वारा अमेरिकी विदेश मंत्रालय से पूछा गया कि सऊदी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति क्यों दी गई। इसपर विदेश मंत्रालय द्वारा बताया गया कि यह पहली बार नहीं है जब इस प्रकार के नेताओं, हेट्स आफ़ स्टेट को अनुमति नहीं दी गई बल्कि इससे पहले तीन तानाशाहों को भी अमेरिका में प्रवेश की अनुमति दी गई है।
आईए जानते हैं कि अमेरिका की सूची में वह तीन लोग कौन हैं ?
1- राबर्ट मुगांबे – राष्ट्रपति राबर्ट मुगांबे की सेना ने देश के 80,000 लोगों को मौत के घाट उतारा था इन नागरिकों का गुनाह यह था कि वह उनसे इत्तफाक नहीं रखते थे।
2- जोसेफ कबीला – कांगो के बतौर राष्ट्रपति उप्र मानवाधिकार के उलंघन के गंभीर आरोप हैं।3- नरेंद्र दामोदर मोदी – 2002 में उनके मुख्यमंत्री रहते हज़ारों मुस्लिम समुदाय के लोगों को मौत के घाट उतारने का आरोप लगा।
देशवासी बिल्किस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म और बिल्किस बानो के परिवार के सदस्यों की नि निर्मम हत्या के दोषियों की जेल से रिहाई कभी न भूलेंगे। वहीं
आईपीएस संजीव भटनागर जिन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन किया उन्हें हमारी न्यायपालिका जमानत देने से सौ बार सोचती है कि मोदी के पीएम रहते उनके भविष्य के लिए घातक सिद्ध होगा।
मोदी जी गुजरात नहीं भारत की अस्मिता को आपके शासन में खतरा है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की अस्मिता खतरे में है। क्या अमेरिकी विदेश मंत्रालय का बयान देश की प्रतिष्ठा के लिए एक धब्बा नहीं है। क्या देश कलंकित नहीं हुआ जिसके लिए आप और आपकी सरकार पूर्णतः ज़िम्मेदार नहीं ? पूछता है हर एक देशवासी।
कुलदीप मिश्र
राज्य ब्यूरो प्रमुख
उत्तर प्रदेश