SKNEWSAGENCY:
क्या अपनी ही सरकार के खिलाफ शहीद स्मारक पर 11 अप्रैल को अनशन के बहाने शक्ति प्रदर्शन कर पायलट कांग्रेस के हाई कमान को संकेत देना चाहते हैं कि उन्हें महत्व न देने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के नक्शे कदम पर कांग्रेस पार्टी छोड़कर भाजपा पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं ? क्या ये आर-पार की लड़ाई साबित होगी ?
एआईसीसी प्रभारी राजस्थान सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कांग्रेस पार्टी के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा ” श्री सचिन पायलट का एक दिन का धरना पार्टी हित के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है। अगर उन्हें अपनी ही सरकार से कोई समस्या है तो मीडिया या जनता के बजाय इस पर पार्टी के मंच पर चर्चा की जा सकती है। मैं पिछले 5 महीने से एआईसीसी प्रभारी हूं और पायलट जी ने कभी भी इस मुद्दे पर मुझसे चर्चा नहीं की । मैं उनके संपर्क में हूं और अब भी शांतिपूर्वक बातचीत की अपील करता हूं क्योंकि वो निर्विवाद रूप से कांग्रेस के लिए अहम हैं।”
कुलदीप मिश्र
राज्य ब्यूरो प्रमुख
उत्तर प्रदेश