क्यों छिने बसपा और कांग्रेस के दफ्तर, समाजवादी पार्टी को क्यों मिला बड़ा ऑफिस।
विधानसभा में बसपा और कांग्रेस से बड़ी पार्टी हो गईं राष्ट्रीय लोक दल, सुभाषपा, निषाद पार्टी और जनता दल लोकतांत्रिक।
Sk News Agency-UP
लखनऊ —– 26-11-2023
(व्यूरो डेस्क)——-समाजवादी पार्टी का विधानसभा में कल बढ़ गया है, तो बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस की हैसियत घट गई है।आपको बताते चने की विधानसभा में बसपा कांग्रेस को मिले दफ्तर छीन लिए गए हैं।तो वहीं समाजवादी पार्टी को बड़ा दफ्तर आवंटित किया गया है।आपको बता दें कि यह दफ्तर उत्तर प्रदेश विधानसभा की नियमावली 1987 की धारा 157 (2) के अंतर्गत ऐसे राजनीतिक दल को आमंत्रित किए जाते हैं जिनकी विधान परिषद और विधानसभा में सदस्य संख्या कम से कम 25 होती है।उन राजनीतिक दलों को सचिवालय द्वारा कक्ष, चपरासी, टेलीफोन सहित कई तरह की सुविधा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा निर्धारित शर्तों पर दी जाती हैं।जो विधानसभा अध्यक्ष द्वारा निर्धारित की जाएं।आपको बताते चलें कि देश की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जिसका देश के सबसे बड़े राज्य के विधान मंडल के भीतर उनका ऑफिस छीन लिया गया है।जिस राज्य में पार्टी ने दो दशक तक स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाकर राज्य किया हो।बहुजन समाज पार्टी ने भी 2007 में स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाई थी मगर उसके बाद सड़क पर संघर्ष न करने की वजह से उसका जनाधार दिन पर दिन खोता गया।आज विधानसभा में उसका एक सदस्य जीता है वह भी अपने दम पर।आपको बता दें कि इन दोनों बड़ी पार्टियों से वर्तमान में ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और राजा भैया की जनता दल लोकतांत्रिक एवं जयंत चौधरी का राष्ट्रीय लोकदल तथा संजय निषाद की निषाद पार्टी बन चुके हैं।आपको बता दें कि राष्ट्रीय लोकदल और सुहेलदेव समाज पार्टी को केविन आवंटित किए गए हैं। और जनता दल लोकतांत्रिक और निषाद पार्टी को भी छोटे कमरे आवंटित किए गए हैं। वहीं मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को बड़ा दफ्तर आवंटित किया गया है।ज्ञात रहे कि बसपा और कांग्रेस को लंबे समय से यह ऑफिस आवंटित किए गए थे। और वर्तमान समय में इन दोनों दलों से ऑफिस वापस ले लिए गए हैं।
किस काम में आते हैं यह दफ्तर
आपको बताते चलें कि इन दफ्तरों में राजनीतिक दल विधायकों की मीटिंग करते हैं तथा कुछ महत्वपूर्ण फैसले भी इसी ऑफिस में बैठकर लेते हैं।
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