कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज भाजपा को अलविदा कह दिया। समाजवादी पार्टी में होंगे शामिल।
दलितों, पिछड़ों, किसानों की उपेक्षा का लगाया आरोप। सपा अध्यक्ष से कर चुके हैैं कई बार मुलाकात।
लखनऊ
2016 में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य के बारे में कई दिनों से कयास लगाए जा रहे थे कि स्वामी प्रसाद मौर्य छोड़ेंगे भाजपा का दामन छोड़ेंगे। वो बात आज सही हो गई।भाजपा के वरिष्ठ नेता व कुशीनगर की पडरौना विधानसभा क्षेत्र से विधायक व योगी सरकार ने कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ-साथ 3 भाजपा विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया।
इन सभी के समाजवादी पार्टी जॉइन करने की प्रबल संभावना है। इन्होंने भाजपा सरकार में दलितों , पिछड़ों, किसानों, की उपेक्षा आरोप लगाया है। इस्तीफा देने वालों में शाजहांपुर की तिलहर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा, कानपुर की बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक भगवती सिंह सागर,बांदा की तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक विजेंद्र प्रजापत ने भी इस्तीफा दे दिया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि 2 दिन में पता चल जाएगा कि कितने मंत्री, विधायक व पार्टी पदाधिकारी हमारे साथ आ रहे।सूत्रों से खबर मिल रही है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्वामी प्रसाद मौर्य को मनाने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व पार्टी महासचिव सुनील बंसल तथा यूपी भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र सिंह को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मगर उन्होंने कहा कि वे राजनैतिक व्यक्ति हैं किसी राजनीतिक पार्टी में जरूर जाएंगे।अपनी बेटी संघमित्रा मोर्य (सांसद बदायूं )के इस्तीफे कि बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसके लिए वह स्वतंत्र हैं।
इन नेताओं के इस्तीफे पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा की इस बार सभी वंचित, पीड़ित, उपेक्षित, शोषितों का मेल होगा। और भाजपा की बांटने,व अपमानित करने की राजनीति के प्रति सपा की सबको सम्मान देने वाली राजनीति का इकबाल कायम होगा।
सुहेलदेव समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने ट्यूटर पर लिखा कि सामाजिक न्याय का इंकलाब होगा। पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों, वंचितों का हक लूटने वालों का खदेड़ा होगा। भाजपा का विकेट गिर ना शुरू हो गया है।
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