उत्तर प्रदेश में स्थित इलाहाबाद एक खूबसूरत और धार्मिक शहर !
आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने और शांति से अपनी छुट्टियां बिताने के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल है।
अब इलाहाबाद को आधिकारिक तौर पर प्रयागराज के रुप में जाना जाता है,यह स्थान कुंभ मेले के लिए लोकप्रिय है,जो यहां हर 12 साल में एक बार आयोजित किया जाता है। आइए आज हम आपको इस शहर के 5 सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों के बारे में जानते हैं।
1- त्रिवेणी संगम :
इलाहाबाद में ही नहीं बल्कि मध्य भारत में भी सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक त्रिवेणी संगम वह केंद्र है,जहां गंगा,यमुना और सरस्वती नदियों का आपस में संगम होता है। ये तीनों नदियों को इनके अलग-अलग रंगों से पहचाना जा सकता है। यहां प्रसिद्ध कुंभ मेला भी लगता है। ऐसी मान्यता है कि त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने से आपके सभी पाप धुल जाते हैं।
2- खुसरो बाग :
इलाहाबाद के लुकरगंज में स्थित खुसरो बाग मुगल वास्तुकला को दर्शाता है। इसमें जहांगीर परिवार के तीन बलुआ पत्थर से बने मकबरे हैं,जिसमें से एक जहांगीर की पत्नी शाह बेगम,दूसरा उनकी बेटी सुल्तान निथार बेगम और उनके सबसे बड़े बेटे खुसराव मिर्जा का है। इस बाग का अधिकतर हिस्सा कलाकार अकारेजा द्वारा डिजाइन किए गए थे और प्रत्येक मकबरे पर जटिल शिलालेख और नक्काशी की विशेषता है।
3- इलाहाबाद का किला :
1553 मेंअकबर द्वारा निर्मित इलाहाबाद किला गंगा और यमुना नदी के संगम तट पर स्थित है,यह अकबर के सबसे बड़े किलों में से एक है,जिसका प्रबंधन भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा किया जाता है। इसी किले में हजारों वर्ष पुराना अक्षय वट वृक्ष भी स्थित है,जहां स लोग मोक्ष प्राप्ति के लिए आत्महत्या कर लिया करते थे इसी वजह से तत्कालीन सरकार द्वारा पहले दर्शकों के लिए प्रतिबंधित था किंतु अब यह सभी के दर्शनार्थ सुलभ है। इस किले में पातालपुरी मंदिर भी स्थित है।
4- हनुमान मंदिर :
अगर आप अपने हलाहाबाद दौरे के दौरान कुछ आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना चाहें तो संगम स्थित हनुमान मंदिर के दर्शन अवश्य करें। स्थानीय रुप से इसे बड़े हनुमान का मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में में झुके हुए 20 फीट लंबे और 8 फीट चौड़ी भगवान हनुमान की प्रतिमा है।
5- आनंद भवन :
आनंद भवन एक दो मंजिला हवेली है,जिसका निर्माण मोतीलाल नेहरु ने करवाया था। 1970 में इंदिरा गांधी द्वारा भारत सरकार को हवेली दान करने के बाद इसे एक संग्रहालय में बदल दिया गया था। इसमें भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के प्राचीन लेख और कलाकृतियां संरक्षित हैं। इसके अतिरिक्त इस भवन में यूरोप और चीन से आयातित दुर्लभ फर्नीचर भी दर्शकों के दर्शनार्थ हैं।
कुलदीप मिश्र
राज्य ब्यूरो प्रमुख
उत्तर प्रदेश
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