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उत्तर प्रदेश के 9 सांसद नहीं कर पाए अपनी सांसद निधि को,अब सांसद निधि होगी वापस।

1 अप्रैल से नियम बन गया है कि सांसद निधि का संचालन डीआरडीए और केंद्रीय नोडल एजेंसी (सीएनएनए) के खाते से होगा।

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(लखनऊ ) 8मार्च 2023 सांसद निधि के तहत मिलने वाली धनराशि को उत्तर प्रदेश के 9 सुयोग्य सांसद अभी तक खर्च नहीं कर पाए हैं और वह धनराशि वापस को वापस किया जा रहा है।आपको बताते चलें कि वह सांसद बहुत ही नामचीन सांसद हैं। जिनमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी  के साथ-सथ नामी गिरामी वकील कपिल सिब्बल ,पूर्व सांसद राहुल गांधी ,पूर्व सांसद स्वर्गीय सतीश शर्मा ,संजय सेठ, डॉ अशोक, रेखा गणेशन शामिल हैं।जिसमें सोनिया गांधी के खाते में करीब 5 करोड से अधिक धनराशि शेष से मिली है। और इन सभी की सांसद निधि को वापस किया जा रहा है। पता चले कि शेष धनराशि की सूचना डीआरडीए ने क्रियान्वयन विभाग को भेज दी है। पैसे को नोडल एजेंसी (सीएनएनए )के स्टेट बैंक  मैं खोले गए खाते में वापस भेजा जा रहा है।आपको बता दें कि 1 अप्रैल से सांसद निधि के संचालन में कई प्रकार के बदलाव किए गए हैं। सांसद निधि को खर्च करने के तरीके में भी बदलाव किया गया है साथ ही साथ किन-किन कामों पर खर्च किया जाएगा ।इसको भी स्पष्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही यह बदलाव किया गया है कि योजना स्वीकृत होने के बाद चेक के माध्यम से डीआरडीए सीधे निर्माण एजेंसी को धन नहीं भेजेगा। केंद्र सरकार के निर्देश पर डीआरडीए ने 1 अप्रैल से सभी भुगतान पर रोक लगा दिया है।स्वीकृत होने के बाद डोंगल के माध्यम से पैसा निर्माण एजेंसियों को भेजा जाएगा।सांसद की ओर से प्रस्ताव पूर्व की भांति दिए जाएंगे। निर्माण एजेंसी उनका स्टेटमेंट बनाकर भेजेगी । प्रस्ताव पास होने के बाद अनुमोदन कर शासन को भेजा जाएगा इसके बाद गूगल के माध्यम से जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी व लेखाकार भुगतान करेंगे। डोंगल लगाते ही भुगतान सीधे निर्माण एजेंसी के खाते में जाएगा। एक तरह से ग्राम पंचायतों की तरफ सांसद  निधि का भी भुगतान डोंगल के माध्यम से।आपको बता दें कि इन सांसदों के लोकसभा क्षेत्रों में कई ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें खस्ताहाल पड़ी हुई हैं। जिससे राहगीरों को निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।मगर उन्होंने वह प्रस्ताव देकर सांसद निधि को खर्च करना उचित नहीं समझा।

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