उत्तर प्रदेश के पशुपालकों को अब एक कॉल में मिलेंगे डॉक्टर।
मुख्यमंत्री ने मोबाइल वेटरनरी यूनिट को किया लॉन्च।
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राजधानी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज रविवार को भारत सरकार के सहयोग से शुरू की गई पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत 201 करोड रुपए की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट के फ्लैग ऑफ कार्यक्रम को संबोधित किया।मुख्यमंत्री वोले के हम लोग भारत सरकार के साथ मिलकर पशुओं की नस्ल सुधार के एक बड़े अभियान को आयाम दे रहे हैं। निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए 6 हजार 600 से अधिक आश्रय स्थल प्रदेश में स्थापित किए जा चुके हैं। प्रदेश के अंदर कुल 12लाख गोवंश हैं, उनमें से 11लाख के संरक्षण की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठा रही है।जिसमें प्रति गोवंश के 900 रूपए सरकार सरकार वहन कर रही है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पशुपालकों की समस्या को देखते हुए 520 मोबाइल वेटरनरी वैन को लांच किया। और उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी जनपदों में पशुपालकों के लिए यह वैन उपलब्ध रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे द्वारा देखा गया कि प्रदेश में अगर किसी का कोई जानवर बीमार है तो उसे समय पर इलाज नहीं मिल रहा है, कई बार गोवंश का एक्सीडेंट हो जाने पर उसे समय पर डॉक्टर नहीं मिल पाते थे। इस वजह से पशुओं का इलाज नहीं हो पाता था और उनकी जाने चली जाती थी।मगर इस सब को देखते हुए हमने यह निर्णय लिया कि क्यों न एक ऐसी योजना चलाई जाए जिससे पशुपालकों को किसी दिक्कत का सामना ना करना पड़े और उसके पशु की अकाल मृत्यु ना हो।मुख्यमंत्री ने बताया के पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के अंतर्गत 201 करोड रुपए की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट को लॉन्च किया है। उन्होंने कहा कि पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना पशुधन के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित करेगी।मुख्यमंत्री बोले के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से पिछले 6 वर्ष में हमारी सरकार ने गोवंश के संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में अनेक प्रयास किए हैं।मुख्यमंत्री बोले कि अन्नदाता किसान हो के जीवन में परिवर्तन हो उनकी आमदनी बड़े इसके लिए तो प्रयास ही हुए हैं, साथ साथ किसानों की फसलों को भी सुरक्षित रखने के लिए प्रदेश के पास धन विभाग द्वारा अधिक कार्यक्रम स्थापित किए गए जिनकी लंबी श्रंखला है।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गौ संरक्षण के लिए तीन प्रकार की योजना चला रही है।जिसमें पहली योजना के अंतर्गत निराश्रित गो आश्रय स्थलों में 10लाख के करीब गोवंश को रखकर उनकी सेवा की जा रही है।दूसरी योजना मुख्यमंत्री से वार्ता योजना है इसके तहत कोई भी किसान अपने घर में 4 गोवंश रख सकता है सरकार उसे 900रूपये प्रति गोवंश के हिसाब से हर महा डीबीटी के माध्यम से प्रदान कर रही है।और तीसरी योजना के तहत कुपोषित परिवारों को हम गोवंश उपलब्ध करा रहे हैं।
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