आखिर किस के लिए अपने कक्ष से जब जनसुनवाई छोड़ भागे डीएम बहराइच।
लोक सेवक होता क्या है यह चरितार्थ कर दिया जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र ने बहराइच में।।
जनपद बहराइच
जून माह में जब से जनपद के जिलाधिकारी का चार्ज डॉ दिनेश चंद्र को मिला है। तब से वह जनता जनार्धन के लिए नित नए नए कारनामे जनता जनार्दन की भलाई के लिए करते हैं। और जनता जनार्दन की समस्याओं को समय से निराकरण करने की पूरी कोशिश करते हैं।इसका उदाहरण बुधवार को देखने को मिला और उस उदाहरण से जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने एक लोकसेवक की वास्तविकता को मूर्त रूप दे दिया।हुआ यह कि बुधवार को जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र कलेक्ट्रेट स्थित अपने कक्ष में जनता दर्शन में जनसुनवाई कर रहे थे। उसी समय हुजूरपुर थाना क्षेत्र के गांव तंमोलीपुरवा निवासी तुलसीराम पुत्र सुंदरलाल जोक पैरों से दिव्यांग है।जिलाधिकारी किसी फरियादी की समस्या सुनकर उसका निस्तारण करने के लिए अपनी अधीनस्थों को आदेश लिख ही रहे थे। उसी समय उनकी नजर तुलसीराम पर पड़ी जो कि सीढ़ियों पर चढ़कर उनके कक्ष तक पहुंचने की जद्दोजहद कर रहा था। उसको देकर तुरंत जिलाधिकारी अपना कक्ष छोड़कर सीढ़ियों की तरफ दौड़े।
जिलाधिकारी का अचानक यह रुख देखकर अधीनस्थ भी उनके पीछे-पीछे चल पड़े। यह घटना इतनी जल्दी घट गई कि जिलाधिकारी के हाथ में दिव्यांग तुलसीराम का प्रार्थना पत्र था। जिलाधिकारी के हाथ में अपना प्रार्थना पत्र , और अपने सामने जिलाधिकारी को तुलसीराम एक टक देखता ही रह गया।फिर उसके के बाद उसने जिलाधिकारी को बताया कि कुछ लोग उसके खेत मैं जबरन कब्जा कर रहे हैं और रास्ता काम करते हुए उस पर पक्का निर्माण भी करा रहे हैं। उसने जिलाधिकारी से कहा कि मेरी प्रगढ़ में राजस्व पुलिस विभाग की संयुक्त टीम से जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाए।जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र ने उप जिलाधिकारी सदर को तत्काल कार्रवाई की निर्देश दिए। और साथ ही यह भी कहा है कि इस कारवाई से मुझे भी अवगत कराया जाए।जन सुनवाई का यह अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर जन प्रिय जिलाधिकारी ने अपना जनता जनार्दन में अलग ही मुकाम हासिल कर लिया है।काश सभी जिलाधिकारी इसी तरह समस्या सुनें तो कहना ही क्याा।
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