अब होमगार्ड की समस्याएं सुनने के लिए लगेगा होमगार्डस दरबार |
आगरा पश्चिमी परिक्षेत्र के होमगार्डस डीआईजी संजीव कुमार शुक्ल ने दिए निर्देश|
Sk News Agency-UP
जनपद- आगरा
ब्यूरो डेस्क——– ————- होमगार्ड विभाग आगरा पश्चिमी परिक्षेत्र के तेज-तर्रार डीआईजी संजीव कुमार शुक्ला ने बरेली एवं बलरामपुर जनपदों में भ्रष्टाचार निरोधक टीम द्वारा रिश्वत लेते हुए होमगार्ड विभाग के कार्मिकों के पकड़े जाने के बाद संज्ञान लेते हुए आगरा परिक्षेत्र के सभी जिला कमांडेंटो को सख्त निर्देश दिए हैं | उन्होंने आगरा ,अलीगढ़ ,मेरठ, मुरादाबाद ,सहारनपुर ,बरेली के मंडलीय कमांडेन्ट के अलावा आधीनस्थ सभी जनपदों के जिला कमांडेंट होमगार्ड को निर्देश देते हुए कहा है कि सभी जिला कमांडेंट महीने में दो बार होमगार्ड कार्मिकों का दरबार आयोजित कर उनकी समस्याओं का समय से निष्पक्ष एवं न्याय पूर्वकथन तरीके से समाधान कराएंगे | उन्होंने निर्देश देते हुए सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए कहा है कि भविष्य में अगर कोई रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाता है तो उसका यह व्यक्तगत कृत्य मानते हुए संबंधित के खिलाफ नियमानुसार विधिक /विभागीय कार्यवाही अमल में लाई जाऐ |इसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा | उन्होंने स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जिला कमांडेंट द्वारा अपने अधीनस्थ जवानों को किसी प्रकरण में स्पष्टीकरण नोटिस निर्गत करते है, तो उसकी प्रतिलिपि उनके अलावा मंडल के मंडलीय कमांडेंट को अवश्य भेजी जाए | और साथ ही साथ प्रतिलिपि के साथ प्रकरण से संबंधित सभी संगत अभिलेख अवश्य भेजे जाएं | उन्होंने पत्र में स्पष्ट करते हुए निर्देश दिए हैं कि जिला कमांडेंट प्रत्येक प्रकरण का निस्तारण गुण/ दोष के आधार पर स्वयंसेवक को अपना पक्ष रखने एवं नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के दृष्टिगत उचित सुनबाई करते निष्पक्षता एवं न्याय उचित ढंग से सुनिश्चित करें |सभी जिला कमांडेंट अपने स्तर से प्रकरण में निष्पक्ष जांच करने करने के उपरांत ही जांच में दोषी पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही करें | उन्होंने आगे निर्देश स्पष्ट किया है कि अनावश्यक किसी जवान का शोषण / अहित किए जाने के उद्देश्य से ड्यूटी से प्रतिबंधित न किया जाए |
राज्यों सरकार होमगार्ड जवानों को सर्वश्रेष्ठ बल का खिताब पहले ही दे चुकी हैं| और सरकार जीरो टॉलरेंस पर भी काम कर रही हैं, विभागीय मंत्री भी विभाग की दशा और दिशा सुधारने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं ,” कार्मिक हैं कि मानते ही नहीं”