अखिलेश यादव बने समाजवादी पार्टी के विधान मंडल दल के नेता।और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएंगे सपा अध्यक्ष।।
आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद पद से दिया है इस्तीफा,और हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में करहल से जीते हैं एमएलए का चुनाव।
लखनऊ
बीते दिनों अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद पद से इस्तीफा लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा था। क्योंकि अखिलेश यादव हाल ही में हुए विधानसभा के चुनाव में वह मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं।अब ऐसी परिस्थिति में अखिलेश यादव को लोकसभा से इस्तीफा देना था ,या फिर विधानसभा से। तो अखिलेश यादव ने विधानसभा में रहना उचित समझा ।और आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद पद से इस्तीफा देना बेहतर समझा।समाजवादी पार्टी ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों की मीटिंग सपा कार्यालय में बुलाई थी। जिसमें नेता प्रतिपक्ष एवं विधान मंडल दल के नेता का चयन होना था।विधानमंडल दल के नेता के लिए अखिलेश यादव के नाम का प्रस्ताव कटेहरी विधान सभा क्षेत्र के विधायक लालजी वर्मा ने रखा, जिसका समर्थन पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधान परिषद के सदस्य राजेंद्र चौधरी ने किया।उनको सर्सम्मति से विधान मंडल दल का नेता चुन लिया गया।इसी तरह नेता प्रतिपक्ष के लिए अखिलेश यादव के नाम का प्रस्ताव अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा के विधायक अवधेश प्रसाद ने रखा। जिसका समर्थन आजमगढ़ जिले की निजामाबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक आलम बदी ने किया । इसके बाद सपा अध्यक्ष को नेता प्रतिपक्ष भी चुन लिया गया।और उसके बाद सपा अध्यक्ष को पार्टी के विधान परिषद और विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी।बताते चलें कि पिछली विधानसभा में नेता विरोधी दल के दायित्व का निर्वाह बलिया जिले की बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामगोविंद चौधरी ने किया था ।जो के अभी हुए विधानसभा चुनाव में हार गए हैं।
अखिलेश ने क्यों दिया लोकसभा से त्यागपत्र
अखिलेश यादव ने लोकसभा से इस्तीफा देकर विधायक पद इसलिए चुना है। क्योंकि उन्होंने सड़क से लेकर सदन तक सरकार को घेरने का मन बना लिया है । इसके अलावा दूसरा फायदा यह भी दिखाई दे रहा है कि इससे गठबंधन दल भी नहीं छोड़ कर जायेंगे। और यहां रह कर आने वाले 2024 के लोकसभा चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव पर भी फतेह हासिल की जा सकती है।
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